जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : पारसनाथ का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आदिवासी सेगल अभियान बुधवार से मरंग बुरू बचाओ भारत यात्रा का विधिवत शुभारंभ किया गया. यात्रा का शुभारंभ जमशेदपुर से किया गया, जहां काफी संख्या में आदिवासी सेगल अभियान के सदस्य शामिल हुए. इस अभियान की शुरुआत पूर्व सांसद सलखान मुरमू ने की. मौके पर सलखन मुर्मू ने कहा कि पारसनाथ का पहाड़ और पूरा इलाका आदिवासियों के पूर्वजों का है. यहां पर आदिवासियों का भगवान विराजते हैं मरांग बुरु. लेकिन जैन धर्म के लोगों ने इसे हड़प लिया है.
31 जनवरी तक चलेगी मरंगबुरू बचाओ भारत यात्रा
बता दें कि मरंगबुरू बचाओ भारत यात्रा आज से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगा. साथ ही पूर्व सांसद ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी विरोधी है और आदिवासियों के भगवान को इस सरकार ने बेच दिया है. साथी सरना धर्म कोट लागू करने की मांग की कहां है कि भारत सरकार सरना धर्म कोड लागू करें पूरा आदिवासी उनके साथ है. वहीं सलखन मुर्मू अब पूरे भारत का यात्रा कर आदिवासियों को जगाने का काम करेगा. वैसे 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर भी सालखन मुर्मू ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि उन्हें इस 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति कभी लागू हो ही नहीं सकता यह सरकार लोगों को और आदिवासियों पर ठग रही है.
रिपोर्ट : रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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