गोड्डा (GODDA): ब्लड बैंक यानी रक्त अधिकोष. नाम से ही पता चलता है कि इस बैंक या अधिकोष में रक्त की जमा या आपूर्ति की जाती है. मगर गोड्डा सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक विगत कुछ दिनों से खून की कमी से खुद ही जूझ रहा है. यहाँ खून लेने वाले तो आ रहे थे मगर रक्तदान करने वालों की संख्या नगण्य रही जिससे धीरे धीरे रक्त अधिकोष से रक्त सिर्फ 5 यूनिट ही शेष रह गया था.
थेलेसिमिया के मरीजों की मदद के लिए रक्तदान
अमूमन,नियमों की बात करें तो जिन भी मरीज को ब्लड की आवश्यकता होती है वो यहाँ आकर ब्लड तो मुफ्त में ले सकते हैं मगर बदले में किसी भी ग्रुप का एक यूनिट ब्लड दान भी करें ताकि अन्य मरीजों को इसका लाभ मिल सके. पर रक्त अधिकोष के संचालक राजेश कुमार बताते हैं कि खून अगर उलपब्ध होता है तो थेलेसिमिया मरीजों को हम दे तो देते हैं मगर बदले में कोई रक्त देना नहीं चाहता. इतना ही नहीं थेलेसिमिया मरीजों के अलावे भी गर्भवती महिलाओं और दुर्घटना में घायलों को भी जरुरत होती है. कुल मिलाकर जितनी बैंक से निकलती है खून उतना बदले में आती नहीं है .
शिविर में जुटा 25 यूनिट खून
रक्त की कमी को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ.अनंत कुमार झा ,डी एस डॉ. प्रभा रानी प्रसाद द्वारा रक्त की कमी को देखते हुए सभी चिकित्सा कर्मियों से आग्रह किया कि वो आकर रक्तकोष में रक्तदान करें ताकि आकस्मिक स्थिति में रक्त की कमी की वजह से किसी की जिंदगी आफत में न पड़ जाये. प्रबंधन की ये पहल रंग लायी और चिकित्सक से लेकर सफाई कर्मी तक ने रक्तदान कर 25 यूनिट रक्त ब्लड बैंक में उपलब्ध कराया .
सिविल सर्जन ने लोगों से की रक्तदान की अपील
सिविल सर्जन डॉ.अनंत कुमार झा ने इस मौके पर कहा कि आज भी लोगों में ये भ्रांतियां बैठी हुई है कि रक्तदान से शरीर को नुकसान पहुंचेगा जो गलत धारणा है. उन्होंने बताया कि रक्तदान में लोगों को बढ़ चढ़कर पहल करनी चाहिए इससे न सिर्फ आप किसी की जान बचा कर भला करेंगे बल्कि खुद के शरीर का भी भला करेंगे .
रिपोर्ट: अजीत कुमार सिंह, गोड्डा
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