धनबाद(DHANBAD): संजय राजोरिया, जेनरल मैनेजर, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील ने शुक्रवार को जामाडोबा के टाटा सेंट्रल अस्पताल में स्वास्थ्य जागरूकता आईईसी वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया. कार्यक्रम का उद्देश्य 60 दिनों की अवधि के लिए धनबाद जिले के आठ ब्लॉकों में कुष्ठ रोग और एलीफेंटियासिस के प्रति अंधविश्वास को दूर करने और नए मामले का पता लगाने का प्रयास करना है. आईईसी वैन पूरे आईईसी जागरूकता अभियान के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का हिस्सा होगा, जिसमें शामिल है पैम्फलेट वितरण, समूह चर्चा, स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम, हाट और बाजारों में प्रदर्शनियां और स्वास्थ्य शिक्षकों और आईईसी वैन सहायकों द्वारा फिल्म स्क्रीनिंग आदि.
फिल्म भी दिखाई जाएगी
यह आईईसी वैन फिल्म शो, बीमारी पर स्लोगन के साथ गीत और प्रदर्शनी से सुसज्जित है, वैन प्रतिदिन 3 से 4 गांवों को कवर करेगी. इस अवसर पर डॉ. आलोक, चीफ मेडिकल ऑफिसर, टाटा सेंट्रल हॉस्पिटल, जामाडोबा, मयंक शेखर, चीफ सिजुआ ग्रुप, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील, डॉ. कोमल सिंह, सीनियर कंसल्टेंट (गायनेकोलॉजी), डॉ. अश्विनी सिंह राठौड़, सीनियर रजिस्ट्रार (रेडियोलॉजी), डॉ. रंजीत कुमार, एसोसिएट स्पेशलिस्ट (पैथोलॉजी), डॉ पीएन सिंह, सीनियर रजिस्ट्रार, राजेश कुमार, यूनिट लीड, टाटा स्टील फाउंडेशन, झरिया डिवीजन, डॉ बी पात्रा, टाटा सेंट्रल अस्पताल जामाडोबा के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे.
नई डिजिटल एक्स-रे यूनिट और नए एनालाइजर का हुआ उद्घाटन
इसके अलावे टाटा सेंट्रल हॉस्पिटल, जामाडोबा में आज एक नई डिजिटल एक्स-रे यूनिट और नए एनालाइजर का भी उद्घाटन किया गया. एक्स-रे यूनिट में एलेंगर्स मेडिकल सिस्टम से फ्लोरोस्कोपी के लिए IITV के साथ डुअल डिटेक्टर हाई फ्रीक्वेंसी वाली अत्याधुनिक मशीन MARS 40 है. यह मशीन पंजीकरण से लेकर फिल्म लेने तक प्रति रोगी एक्स-रे समय को 30 सेकंड तक कम कर देगी. उच्च शक्ति वाली मशीन कंप्यूटर स्क्रीन पर उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल छवियों को प्रदर्शित करते हुए कम से कम समय में अनेक रोगियों को संभाल सकती है, जिसे लगभग तुरंत एक्सेस किया जा सकता है. नया एनालाइजर सीबीसी 5 पार्ट ऑटोमेटेड एनालाइजर एच560 और पूरी तरह से स्वचालित क्लिनिकल केमिस्ट्री एनालाइजर ईएम 360 है. ये नए एनालाइजर प्रति घंटे 360 टेस्ट का परीक्षण कर सकते हैं, जबकि पहले वाली मशीन 200 टेस्ट प्रति घंटे का परीक्षण कर सकती थी. नई सुविधा के साथ, प्रसंस्करण समय कम कर दिया गया है और आपातकालीन मामलों में रिपोर्ट जल्दी भेजी जा सकती है, जो भर्ती और ओपीडी रोगियों के प्रबंधन में उपयोगी है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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