टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : साइंस और टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ गया है. कई ऐसी बेहतरीन सुविधाएं आ गई है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है. खासतौर पर मेडिकल में आए दिन एक नया चमत्कार देखने को मिलता है. दुनिया भर में डॉक्टर मेडिकल को एक अलग लेवल पर लेकर जा रहे हैं. आज के समय में हर बीमारी का इलाज है. वहीं कुछ बीमारियों में जहां डॉक्टरों को लगता है कि आने वाले वक्त में इसके लिए एडवांस तकनीकी की जरूरत है उन तमाम चीजों के लिए डॉक्टर नए-नए विकल्प लेकर सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक अद्भुत चमत्कार देखने को मिला जहां अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि जानवर का किडनी का इस्तेमाल किया गया है.
व्यक्ति को लगाई सूअर की किडनी
किडनी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. यह वह अंग है जो अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकलने से लेकर खून को साफ करने का काम करती है. ऐसे में किडनी की काफी जरूरत है. यदि किसी का किडनी खराब हो जाए या उसे ट्रांसप्लांट करने की नौबत आ जाए तो ऐसे में किडनी मिलना काफी मुश्किल हो जाता है. इन तमाम समस्याओं को देखते हुए अब डॉक्टर ने एक नया एक्सपेरिमेंट किया है. जिस एक्सपेरिमेंट के तहत डॉक्टर ने एक व्यक्ति को सूअर की किडनी लगाई और हैरान करने वाली बात तो ये है कि वह अच्छे से कम भी कर रही है. इसमें डॉक्टर का मानना है कि अगर किडनी सही से कम कर गया तो दुनिया एनिमल हार्मोन ट्रांसप्लांट के और करीब जाएगा.
एक महीने से ऊपर लगा हुआ है सूअर का किडनी
इस सर्जरी को एनवाईयू लैंगोन हेल्थ ने 14 जुलाई 2023 में पूरा किया था. डॉक्टर का कहना है कि जिस व्यक्ति में उन्होंने सूअर की कितनी फिट की है वह उस व्यक्ति की सितंबर के मध्य तक मॉनिटरिंग करेंगे. यानी अब तक इसका उपयोग किए हुए एक महीने से ऊपर हो चुका है. इसी दो महीने के दौरान डॉक्टर का कहना है कि किडनी काफी सही तरीके से काम कर रही है और व्यक्ति अभी तक जिंदा है.
वेंटिलेटर सपोर्ट पर है व्यक्ति
इस एक्सपेरिमेंट को जिस व्यक्ति पर इस्तेमाल किया गया है वह 57 साल का है. जिसका नाम मोरिसों मिलर है. इस व्यक्ति का ब्रेन डेड हो चुका है. न्यूरोलॉजिकल के अनुसार मॉरिस को मृत घोषित कर दिया गया था लेकिन उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. जिससे उसका दिल धड़क रहा है. डॉक्टर को इससे अच्छा कोई बॉडी नहीं मिलता जिस पर वह एक्सपेरिमेंट करते ऐसे में इस व्यक्ति पर काफी सही तरीके से एक्सपेरिमेंट किया जा सकता है.
सफलता मिली तो आगे मिलेगी काफी मदद
इस पूरे मामले को लेकर डॉक्टर का कहना है कि सालों की असफलता के बाद हमें यह सफलता मिलेगी. इससे पहले भी जब डॉक्टर ने सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट का प्रयास किया था उस वक्त वह व्यक्ति 72 घंटे तक ही जिंदा रहा था. सर्जन डॉ रॉबर्ट मोंटगोमरी ने कहा कि हर किसी के लिए पर्याप्त किडनी उपलब्ध नहीं है. जिनकी आज के समय में काफी जरूरत है. किडनी उपलब्ध ना होने के कारण काफी सारे लोग मर रहे हैं और मेरा यह विश्वास है कि मानव में किसी अन्य जीव के अंग लगाने से काफी मदद मिलेगी. मैंने हजारों किडनी ट्रांसप्लांट की है लेकिन सिर्फ इंसान की किडनी को ही इंसानी शरीर में लगाया गया है. अगर यह ट्रांसफर होता है तो भविष्य में यह काफी लाभदायक होगा और इससे काफी लोगों की जान बच सकेगी.
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