लाडली की लहर से मध्यप्रदेश में भगवा लहराया , ‘अखिलेश-वखिलेश’ पंजे को ले डूबा !

जनता जनार्दन ही लोकतंत्र में सबकुछ होती है, बयार बहाने और जोशीले तकरीरे भरने से कुछ नहीं होता. बरगलाने और बहलाने से वोटर्स के मन को नहीं बदलता. जमीन पर क्या हुआ और क्या होना चाहिए और कौन इसके लिए मुफीद है. आवाम इसे बखूबी समझता-बुझता है.

लाडली की लहर से मध्यप्रदेश में भगवा लहराया , ‘अखिलेश-वखिलेश’ पंजे को ले डूबा !