रांची(RANCHI): देश के बेरोजगार युवा हर सप्ताह कहीं ना कहीं आपको धरना देते और रोजगार की मांग के लिए सड़कों पर दिखाई देते हैं. लेकिन सरकार हर बार आश्वासन देकर छात्र-छात्राओं को शांत करा देती है. वही हाल झारखंड में भी बेरोजगार युवाओं का है. राज्य सरकार केवल नौकरी का आश्वासन देकर युवाओं को हर बार मामला शांत करवा देती है.
बता दें कि झारखंड विधानसभा के दौरान भी राज्य के हजारों बेरोजगार युवा धरना पर थे, इस दौरान भी सरकार ने युवाओं को समझाकर और मामले का जल्द निपटारा करने की बात कह युवाओं का विरोध और धरना खत्म करवाया. लेकिन सवाल ये है कि क्या सरकार नए साल में राज्य के युवाओं को नौकरी दे पायेगी. दरअसल, ये सवाल इसलिए भी जायज हो जाता है क्योंकि राज्य सरकार की नियोजन नीति-2021 को झारखंड हाई कोर्ट ने रदद् कर दिया है. ऐसे में क्या राज्य की हेमंत सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का वादा पूरा कर पायेगी.
नौकरी के लिए बनानी होगी नई नीति
बता दें कि झारखंड सरकार की नियोजन नीति-2021 को जैसे ही कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द किया. नियोजन नीति के रद्द होते ही राज्य सरकार की ओर से निकाली गई सारी सरकारी नौकरी रद्द हो गई. ऐसे में रोजगार की आस लिए बैठे हजारों-लाखों युवाओं की उम्मीद में एक बार फिर पानी फिर गया, जिसके बाद युवाओं का विरोध शुरू हुआ. विरोध बढ़ता देख राज्य सरकार के प्रतिनिधिओं ने युवाओं से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार जल्द से जल्द बेरोजगारों को नौकरी देगी. जिसके बाद युवाओं ने धरना खत्म किया. लेकिन सरकार के दावे पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि सरकार कैसे इतनी जल्दी बेरोजगारों को नौकरी देगी?
सरकार को बनानी होगी कानून सम्मत नई नियोजन नीति
बता दें कि राज्य सरकार भले ही बेरोजगारों को नौकरी का वादा देकर कुछ समय के लिए विरोध और धरना बंद करवा दी हो लेकिन ये शांति कब तक कायम रहेगी ये कहना काफी मुश्किल होगा. क्योंकि सरकार को नौकरी देने से पहले एक नियोजन नीति बनानी होगी और नियोजन नीति कानून सम्मत होनी चाहिए. वहीं, सरकार नियोजन नीति पर स्थानीय और मूलवासियों को प्राथमिकता देने की बात कह रही है. ऐसे में सरकार को कम से कम छह महीने का समय लग सकता है और अगर सरकार बिना देर किए भी सभी काम करती है तो परीक्षा होने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है.
नियोजन नीति बनने के बाद भी कई अड़चन
सरकार अगर नई नियोजन नीति लाती है तब भी सरकार को कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, JSSC ने पिछले पांच साल में कोई परीक्षा नहीं लिया है. ऐसे में बेरोजगार युवाओं की सरकार से उम्र सीमा में छूट की मांग भी की जा रही है. सरकार छात्रों की कितने बातों पर सहमत होती है ये भी देखने वाली बात होगी.
सरकार को हो सकती है थोड़ी मुश्किल
नए साल में बेरोजगारों को रोजगार देना सरकार के लिए थोड़ा मुश्किलों से भरा काम हो सकता है. दरअसल, कुछ दिनों में ही नए साल की शुरूआत हो जायेगी. ऐसे में सरकार को नई नियोजन नीति पहले बनानी होगी, फिर परीक्षा सही से करवाना होगा. उसके बाद सरकार को नियुक्ति देनी होगी और इस पूरी प्रक्रिया में सरकार को कम से कम एक साल लग सकती है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार राज्य के बेरोजगार युवाओं को कब तक नौकरी देती है.
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