क्या ED उजागर करेगी शैली ट्रेडर्स के पीछे खड़ा मददगार? सवालों के घेरे में CID का अफसर


टीएनपी डेस्क (TNP DESK): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नशीले कफ सिरप की अवैध सप्लाई से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. देशभर में 25 से अधिक जगहों पर छापेमारी चल रही है, जिनमें शैली ट्रेडर्स के ठिकाने भी शामिल हैं. इस फर्म का मालिक भोला प्रसाद है, जिसके खिलाफ 2024 में बरवाअड्डा थाने में मामला दर्ज हुआ था. बाद में यह केस झारखंड पुलिस की CID ने अपने हाथ में ले लिया, लेकिन जांच के दौरान कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
गुजरात पुलिस की जानकारी पर बरवाअड्डा पुलिस ने 25,000 बोतल फेंसाडाइल जैसे नशीले कफ सिरप जब्त किए थे. जांच में पता चला कि इसमें हेरोइन जैसा असर करने वाला अवैध लिक्विड मौजूद था. धनबाद पुलिस आगे बढ़ पाती, उससे पहले ही केस CID ने ले लिया और महीनों तक कार्रवाई ठप रही. अंत में एएसपी स्तर के एक अधिकारी ने शैली ट्रेडर्स को लगभग क्लीन चिट जैसा फायदा पहुंचा दिया.
सूत्र बताते हैं कि शैली ट्रेडर्स नशीले कफ सिरप की देशभर में सबसे बड़ी सप्लाई चेन में से एक है. रांची के तुपुदाना स्थित गोदाम से भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप की डिलीवरी झारखंड के साथ देश के विभिन्न राज्यों में की जाती रही है. इस पूरे मामले पर लगातार मीडिया रिपोर्टें भी प्रकाशित होती रहीं, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई.
अब बड़ा सवाल यह है कि रांची पुलिस के किस डीएसपी रैंक के अधिकारी का संरक्षण इस सप्लायर को मिल रहा था. क्या ED इस पूरे मामले की तह तक पहुंच पाएगी? तुपुदाना थाना, रांची पुलिस और ड्रग कंट्रोल विभाग ने कार्रवाई से दूरी क्यों बनाए रखी? यह भी सवाल उठता है कि रांची के ड्रग इंस्पेक्टर ने प्राथमिकी तब ही क्यों दर्ज की, जब बनारस में शैली ट्रेडर्स के खिलाफ केस दर्ज हो चुका था. अब ED की छापेमारी से उम्मीद है कि इस नशे के नेटवर्क और उसके संरक्षकों की असली तस्वीर सामने आ सकेगी.
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