रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन कांग्रेस थोड़ी सुस्त दिख रही है. हालांकि यह सुस्ती आत्मविश्वास है या फिर झारखंड से उम्मीद खत्म हो गई यह सोचने वाली बात है. राष्ट्रिय पार्टी होने के बावजूद बड़े नेताओं का झारखंड दौरा कम देखा जा रहा है. इस पुरे चुनाव में सिर्फ राहुल गाँधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही सभा करने पहुंचे. जबकि कांग्रेस के पास कई बड़े दिग्गज नेता मौजूद है. इस सुस्ती के बाद कई सवाल खड़े होने लगे है.आखिर इतना सुस्ती क्यों है, क्या हेमंत पर भरोसा या फिर झारखंड को तवज्जो नहीं दे कर पूरी ताकत महारष्ट्र में झोंकने में लगे है. आखिर खेल क्या है यह तो कांग्रेस के नेता भी बता पाएंगे. एक तरफ भाजपा के प्रचार में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर शाह और कई केंद्रीय मंत्री ताबड़तोड़ जनसभा करने में लगे है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से कुछ ऐसा नहीं देखा जा रहा है, जबकि कई राज्य में इनकी भी सरकार है, कई बड़े चेहरे है जिनके सभा के बाद माहौल बदल सकता है.
अगर देखें तो प्रियंका गांधी खुद एक बड़ी महिला नेत्री है. इन्हें सुनने के लिए लोग जमा होते है. प्रियंका में लोग उनकी दादी की परछाई देखते है. बावजूद इन्हें भी चुनाव प्रचार से दूर रखा गया. जबकि लोकसभा चुनाव में प्रचार करने प्रियंका गांधी झारखंड पहुंची थी. अब चुनाव का अंतिम चरण चल रहा है एक तरफ मोदी से लेकर शाह और कई मुख्यमंत्री रोड शो कर रहे है. जनता से सीधा संवाद कर भाजपा के पक्ष में प्रचार करने में जुटे है, तो कांग्रेस पीछे क्यों है. राहुल गांधी झारखंड पहुंच रहे है तो क्या इतना समय नहीं निकाल पा रहे है कि एक रोड शो भी झारखंड में कर दे. जिससे झारखंड में कांग्रेस कार्यकर्ता में ऊर्जा भरा जा सके. पूरे चुनाव में सभी पार्टी अपने-अपने तरीके से चुनाव में ताकत झोंक रही है, लेकिन एक कांग्रेस है कि अब तक सोई हुई है.
इस पर कई लोग बताते है कि झारखण्ड में हेमंत सोरेन के चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस ताकत नहीं लगा रही है. पूरा चुनाव हेमंत के नाम पर चल रहा है, कई ऐसे लोग भी है, जिनका मानना है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद झारखण्ड के राजनीति में उलटफेर हो सकता है.
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