रांची(RANCHI): झारखंड में लंबे समय से चल रहे बांग्लादेशी घुसपैठ पर मचे घमासान पर अब विराम लग सकता है. झारखंड हाई कोर्ट में लंबी बहस और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण पर दायर याचिका पर चीफ जस्टिस और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई हुई है. इस दौरान सरकार की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा है. सिब्बल ने कोर्ट में यह भी सवाल पूछा कि चुनाव के समय ही ऐसी याचिका क्यों होती है? इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर कमेटी बन जाएगी तो इसमें दिक्कत क्या है.
कोर्ट के सामने किए गए हैं कई साक्ष्य प्रस्तुत
बता दें कि, झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर दानिश डैनियाल नाम के व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें कोर्ट के सामने कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि कैसे संथाल परगना प्रमंडल के छह जिलों की भौगोलिक हालत बदल गए हैं. याचिका में बताया गया है कि कैसे आदिवासी समुदाय की आबादी घट गई है. साथ ही एक विशेष समुदाय की आबादी में बढ़ोत्तरी हुई है. जिससे झारखंड को एक बड़ा खतरा है. याचिका में यह भी बताया गया है कि संथाल में एक बड़ा खेल चल रहा है.
इस मुद्दे पर खुब हो रही है राजनीति
दरअसल, झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ होने का दावा किया जाता है. इस मुद्दे पर राजनीति भी खुब हो रही है. लेकिन अब झारखंड हाई कोर्ट में सारी चीजें साफ हो जाएगी की आखिर घुसपैठ के मामले की सच्चाई क्या है. इसकी जांच कमिटी कर सकती है. संभवत: झारखंड हाई कोर्ट के निर्देशन में जल्द ही एक कमिटी बनाई जाएगी, जो जमीनी हकीकत को देखेगी. आखिर घुसपैठ हुआ तो हुआ कैसे है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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