सदन में गूंजा सवाल- कहां गई मंईयां योजना की 18 लाख लाभुक

रांची (RANCHI) : मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर झारखंड में राजनीति तेज है. मंईयां योजना की छठी, सातवीं और आठवीं किस्त सभी के खाते में भेजी गई, लेकिन इस बार 57 लाख की जगह सिर्फ 38 लाख लोगों को ही पैसे भेजे गए. अब बीजेपी इस मामले को मुद्दा बनाकर सरकार को घेर रही है.
मंईयां सम्मान योजना को लेकर झारखंड में बवाल मचा हुआ है कि आखिर क्यों 18 लाख महिलाओं का पैसा रोक कर रखा गया है? इस पर बीजेपी विधायक पूर्णिमा दास ने सदन में सरकार से पूछा कि चुनाव के समय 57 लाख महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद महिलाओं के नाम कैसे गायब होने लगे?
पूर्णिमा दास ने सरकार से पूछा कि सरकार ने 18 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को ₹2500 देने का वादा किया था. जनता ने उनकी बातों को सच माना और उन्हें दोबारा सत्ता में ले आई. इसके बाद एक महीने तक उन्हें पैसे मिले और फिर अंत में नाम गायब हो गए. सिर्फ 38 लाख लोगों को ही योजना का लाभ मिल रहा है. ऐसे में सरकार क्या जवाब देगी कि उन महिलाओं की क्या गलती थी? उनके नाम क्यों काटे गए? क्या कारण था कि इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को लाभ नहीं दिया गया? योजना से नाम क्यों हटाया गया?
वहीं सदन में भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी स्पीकर से पूछा कि सरकार सदन को बताए कि क्या 18 से 50 साल की सभी महिलाओं को पैसा मिलेगा या यह सिर्फ चुनावी एजेंडा था? क्या महिला सम्मान की बात सिर्फ चुनाव तक ही थी और अब धीरे-धीरे इस योजना से सभी का नाम गायब हो जाएगा?
रिपोर्ट-समीर
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