धनबाद(DHANBAD): झारखंड के कांग्रेस नेताओं को दिल्ली की दूरी कम लगने लगी है. लगे भी क्यों नहीं, किसी को मंत्री पद पाना है तो किसी की मंत्री की कुर्सी खतरे में है. ऐसे में हर कोई दिल्ली से दौलताबाद की दौड़ लगाएगा ही. झारखंड में अभी मंत्रिमंडल में बदलाव की तैयारी की चर्चा राजनीतिक हलकों में तेज है. चर्चा है कि कुछ की कुर्सी जा सकती है तो कुछ नए चेहरे आ सकते हैं .अगले साल लोकसभा और विधानसभा का चुनाव भी तो है. जो नाराज हैं, उन्हें मनाना भी है. जो अब तक मंत्री के पद को सुशोभित करते रहे हैं ,उन्हें क्षेत्र में जाकर संगठन का काम भी करना है.
इन नामों की चर्चा जोरों पर
झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर काम में ढिलाई का भी आरोप है. चर्चा तो कई हैं लेकिन महिला विधायकों को लेकर थोड़ी ज्यादा चर्चा है. इन चर्चाओं पर भरोसा करें तो महिला विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडे सिंह, अंबा प्रसाद और शिल्पी नेहा तिर्की के नामों की चर्चा चल रही है. वर्तमान में संथाल परगना से कांग्रेस के दो मंत्री हैं जबकि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से एक भी मंत्री नहीं है. ऐसे में संथाल परगना से एक मंत्री हटाए जाते हैं तो दीपिका पांडे सिंह को मौका मिल सकता है. वहीं उत्तरी छोटानागपुर को प्रतिनिधित्व दिया गया तो पूर्णिमा नीरज सिंह को कुर्सी मिल सकती है. हालांकि उत्तरी छोटानागपुर में अंबा प्रसाद भी दावेदार हैं.
कांग्रेस के सभी विधायक राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित झारखंड प्रभारी से कर रहे मुलाकात
उधर, दक्षिणी छोटानागपुर से शिल्पी नेहा तिर्की और भूषण बाड़ा का दवा दिख रहा है. कांग्रेस के फिलहाल तीन विधायक निलंबित है. ऐसे में इनको मंत्री पद मिलना मुश्किल दिख रहा है. क्योंकि आलाकमान अगले साल चुनाव को देखते हुए कोई रिस्क लेने की स्थिति में नहीं है. कैस कांड में डॉक्टर इरफान अंसारी, नमन कोंगाड़ी और राजेश अभी निलंबन मुक्त नहीं हुए हैं. ऐसे में अगर उनका निलंबन वापस भी हो जाए तो भी उन्हें मंत्री पद मिलने की संभावना बहुत कम है. कांग्रेस के सभी विधायक राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित झारखंड प्रभारी से मुलाकात कर रहे हैं. आलमगीर आलम ,दीपिका पांडे सिंह सहित अन्य कई नेता दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात कर चुके हैं. बंधु तिर्की से लेकर रामेश्वर उरांव तक भी मिल चुके हैं. जो कुछ विधायक बचे हैं, वह भी दिल्ली पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं. सभी अपने पक्ष में गोलबंदी करने में जुटे हैं. अपनी खूबियों की बखान कर रहे हैं और मंत्री पद पाने का दावा कर रहे हैं.
फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद उनके स्थान पर उपचुनाव के पहले किसी को मंत्री बनाने के मूड में है .यह मंत्रीपद टाइगर जगरनाथ महतो के किसी पारिवारिक सदस्य के पास जा सकता है. मधुपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ऐसा प्रयोग किया था और वह प्रयोग सफल रहा था. झारखंड मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर कॉन्ग्रेस जहां फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा भी कोई नया प्रयोग करने के मूड में नहीं है. देखना है आगे आगे होता क्या है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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