रांची(RANCHI): छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED की जांच जारी है. शराब घोटाले के आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. इस पूछताछ में कई कड़ी जुड़नी बाकी है. ED ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ से अधिक रुपये का शराब घोटला हुआ है. इस मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. इसमें कई अहम सुराग ED को मिले हैं. इस शराब घोटाले की आंच आने वाले दिनों में झारखंड तक पहुंच सकती है. झारखंड में कई अधिकारी इस जांच के दायरे में आएंगे. छत्तीसगढ़ में जिन लोगों पर शराब घोटाले का आरोप लगा है इन्हीं लोगों का झारखंड में भी शराब कारोबार में कब्जा था.
बता दे कि जिस कंपनी ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया है. उसी कंपनी को झारखंड में कारोबार को बढ़ाने का जिम्मा दिया गया था. छत्तीसगढ़ स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी झारखंड में कंसल्टेंट की भूमिका में थी. लेकिन बताया जाता है कि झारखंड में सरकारी दुकानों से नकली शराब की भी बिक्री कराई गई है. जिस कंपनी ने छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का काम किया उसी कंपनी को झारखंड में भी जिम्मा मिला.
झारखंड में छत्तीसगढ़ स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी के निदेशक अरुण पति त्रिपाठी पर सरकार बड़ी मेहरबान थी. इस कंपनी का एक दफ्तर ही उत्पात विभाग में खोल दिया गया था. यह कंपनी झारखंड में सलाहकार के रूप में काम कर रही थी. दावा था की सरकार को बड़ा फायदा होगा लेकिन सरकार को उल्टा घाटा हुआ. बताया जाता है कि सरकार को जानबूझ कर घाटा कराया गया है. इसके पीछे कई लोग शामिल हैं, शराब के जरिए करोड़ों रुपये अपनी जेब में डालने का काम किया गया है.
अब जब ED छत्तीसगढ़ में जांच कर रही है. जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है. कई खुलासे सामने आ रहे हैं. शराब घोटाले मामले में झारखंड में मुख्यमंत्री के सचिव सह मद्य निषेध विभाग सचिव विनय चौबे को छत्तीसगढ़ ED के द्वारा तलब कर पूछताछ किया जा चुका है. इस दौरान अब आने वाले दिनों में झारखंड में भी शराब घोटाले में ED जांच शुरू करेगी. जिसमें कई नेताओं और अधियाकरियों पर कार्रवाई हो सकती है.
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