रांची(RANCHI): लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 लोकसभा सीट में से पाँच पर इंडी ने कब्जा कर लिया है.पिछले चुनाव के मुकाबले गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर रहा. लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस के बड़े नेता की पोल खुल गई है. झारखंड की 14 सीट जीतने का दावा करने वाले नेता अपने ही बूथ पर कांग्रेस को लीड नहीं दिला सके. दरअसल झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर चुनाव में खूब मेहनत कर रहे थे. लगातार सभा कर लोगों से वोट करने की अपील भी किया. लेकिन खुद के बूथ पर शायद प्रचार करना ही भूल गए. तभी तो 100 का आकडा भी पार नहीं हो सका.
राजेश ठाकुर बोकारो के कॉपरेटिव कॉलोनी में रहते है. यह इलाका धनबाद लोकसभा के अंतर्गत आता है. यहाँ से कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को उम्मीदवार बनाया था. ऐसे में कांग्रेस के बड़े बड़े नेता धनबाद में अनुपमा सिंह के पक्ष में प्रचार करने पहुँच रहे थे. झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी इसे नाक की सीट समझ कर खूब पशीना बहाया. लेकिन खुद के बूथ पर पार्टी प्रत्याशी को लीड दिलाने में फेल हो गए. इसके बाद कई चर्चा पूरे झारखंड में शुरू हो गई है. जिस अध्यक्ष के कंधे पार्टी आलाकमान ने झारखंड को छोड़ा था वह तो अपने घर में ही फेल हो गए.
बता दे कि बोकारो के कॉपरेटिव कॉलोनी के बूथ नंबर 197,198,199 पर कांग्रेस को महज 242 वोट मिले जबकि भाजपा को 661 वोट प्राप्त हुए. हालांकि यह कोई अकेले ऐसा बूथ नहीं है जहां कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली. लेकिन इस बूथ की चर्चा इस लिए होना जरूरी है कि 197,198 और 199 बूथ पर ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी वोट करते है. तीनों बूथ इनके घर के करीब है. बावजूद तीन में से एक भी बूथ पर बढ़त नहीं मिली.197 बूथ पर कांग्रेस 49 भाजपा 199, बूथ 198 पर कांग्रेस 59,भाजपा 241 और 199 में कांग्रेस 134 भाजपा 221 वोट मिले है.
बता दे कि शुरुआत में कांग्रेस ने बेहतर फाइट किया. लेकिन अंत में तीन लाख 31 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा है. धनबाद लोकसभा से भाजपा के ढुल्लू सात लाख 89 हजार वोट लाकर जीत का झण्डा गाड़ दिया. वहीं कांग्रेस की अनुपमा सिंह को चार लाख 57 हजार वोट मिले. अब कांग्रेस को इस हार पर समीक्षा करने की जरूरत है.
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