रांची(RANCHI): चुनाव से पहले झारखंड में एसीबी रेस हुई है, रघुवर दास के कार्यकाल में मंत्रिमंडल में शामिल पांच मंत्रियों के खिलाफ जांच जारी है. दरअसल आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर यह जांच किया जा रहा है. इस मामले में अब एक बड़ा खुलासा सामने आया है. बता दें कि कोर्ट में एफिडेविट तैयार कर एसीबी ने बताया कि पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने अपना पैन कार्ड नंबर गलत दिया है. अब सवाल डॉ. लुईस मरांडी पर खड़ा होने लगा है कि आखिर पैन कार्ड नंबर किस वजह से गलत दर्ज कराया गया है, जो उन पर आरोप लगे हैं क्या यह आरोप सही है? क्या इसी डर से उन्होंने अपना पैन कार्ड नंबर गलत दिया है? क्या मंत्री रहते हुए डॉ. लुईस मरांडी ने गलत तरीके से संपत्ति बनाई है? अब इन सवालों का जवाब लुईस मरांडी को देना है.
पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने दी सफाई
इस मामले पर लुईस मरांडी ने सफाई देते हुए कहा कि सालों से मेरे द्वारा उसी पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब एसीबी की ओर से पैन कार्ड के नंबर को गलत बताया जा रहा है.
20 सालों से इसी पैन कार्ड का कर रही हूं इस्तेमाल
वहीं इस मुद्दे पर लुईस मंराडी ने कहा कि मुझे इस मामले की थोड़ी भी जानकारी नहीं थी. मैंने आज अखबार में देखा है तब मुझे पता चला कि 20 साल से मैं गलत पैन कार्ड का इस्तेमाल कर रही थी. उन्होंने कहा कि मुझे अभी तक यही लग रहा था, कि मेरा पैन कार्ड सही है. वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मेरे पैन कार्ड को गलत बताया गया है, इससे साफ समझ आया है कि इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि यह विषय अब मेरा लीगल सेल देख रहा है, अब जांच होने के बाद ही इस मुद्दे पर मेरी कोई प्रतिक्रिया जाएगी.
क्या है मामला
दरअसल एसीबी द्वारा जांच के दौरान बताया गया कि पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी और रणधीर सिंह के खिलाफ अलग-अलग पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. सरकार से अनुमति मिलने के बाद जांच की जा रही है. बता दें कि पंकज कुमार यादव द्वारा हाईकोर्ट में इस मामले में जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया था कि इन मंत्रियों की 2014 के मुकाबले 2019 में 200 से 1100 फीसदी संपत्ति बढ़ गई, यह केवल वेतन से नहीं हो सकता. जहां उन्होंने इस मामले को लेकर सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया था. इसी बीच सरकार की ओर से वर्ष 2022 में इस मामले की एसीबी जांच का आदेश दिया. जिसके बाद पीई दर्ज कर उन्हें नोटिस भेजा गया था. साथ ही संपत्ति की जांच के लिए रांची निबंधन कार्यालय से भी जानकारी मांगी गई थी. वहीं इस मामले पर अब अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी.
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