सरकार के खजाने की लूट की कहानी है ऑटो एजेंसी Nexgen, जानिए कैसे अधिकारी और कारोबारी गठजोड़ बनाकर रचते है घोटाले की साजिश
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रांची(RANCHI): झारखंड में सरकार के खजाने की लूट की कई कहानी है. हर कदम पर एक नई लूट की दास्तान सामने आती है. राज्य में अब एक ऐसे सिंडीकेट का खुलासा हुआ जिसमें अधिकारी और कारोबारी के गठजोड़ की तस्वीर सामने आगई. गरीब राज्य के खजाने से लूट कर बड़े आईएएस अधिकारी ने कारोबारी को मालामाल कर दिया. जिसकी परत हर दिन खुल रही है. यह परत यह दिखाती है कि गरीब राज्य को लूट कर कैसे अमीर बना जाता है. और खुद के साथ पूरा परिवार अरबपति बन जाता है.
दरअसल यह घोटाला कोई और नहीं बल्कि शराब और जमीन से जुड़ा है. जिसमें रांची के नामी कारोबारी नेक्स जेन के मालिक विनय सिंह और विनय चौबे के गठजोड़ ने अकूत संपत्ति अर्जित की है. राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ जबकि एक कारोबारी की संपत्ति बढ़ती चली गई. कई ऑटो मोबाईल शो रूम खोल लिए गए. और प्रॉपर्टी अर्जित की गई. इसका खुलासा खुद ACB ने किया है. और और कई खुलासे होने बाकी है. जिसमें पूरी हकीकत सामने आएगी.
सबसे पहले यह जान लीजिए की आखिर विनय चौबे कौन है. विनय चौबे झारखंड के एक सीनियर आईएएस अधिकारी है.और बड़े ओहदे तक गए. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे. इस दौरान विनय चौबे ने राज्य के विकास और गरीबों के उत्थान की योजना पर काम नहीं किया. लेकिन इसपर जोर दिया कि कैसे घोटाला होगा. जिससे वह और उनके मित्र के साथ साथ परिवार के लोग उचाई पर पहुँच जाए. और इसमें वह कामयाब भी हुए. रांची से दिल्ली तक प्रॉपर्टी बनाई गई. कुछ अपने परिवार तो कुछ दोस्त के नाम से खरीदी गई.
यह दोस्त कोई और नहीं बल्कि विनय सिंह है.विनय सिंह नेक्सजेन के मालिक है. नेक्सजेन के कई शो रूम रांची में है. और ऑटो मोबाईल के क्षेत्र में उनका कब्जा है. इसके साथ ही अंदर खाने कई कारोबार में इनका इन्वेस्ट है. साथ ही जमीन में कई जगहों पर पैसे को इन्वेस्ट किया गया है.
अब विनय चौबे के ठिकाने पर जब एजेंसी ने दबिश दी और कई दस्तावेज के साथ डिजिटल गैजेट्स बरामद कीये तो उसमें विनय सिंह का नाम सामने आया. इसके बाद विनय सिंह के ठिकाने पर दबिश पड़ी और इसमें कई चौकाने वाले दस्तावेज बरामद कीये गए. आईएएस अधिकारी के पैसे को कैसे इन्वेस्ट किया इसका खुलासा हुआ. आखिर में विनय सिंह की भी गिरफ़्तारी हो गई. और अब इस पूरे खेल में शामिल इनके परिवार के लोग भी रडार पर है. पत्नी के साथ बेटे को पूछताछ के लिए तलब किया है.
मालूम हो की यह जांच शराब घोटाले से शुरू हुई. जिसके बाद जमीन घोटाले तक पहुँच गई है. शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ सिंडीकेट के साथ मिलकर 38 करोड़ का घोटाला किया है. इसके साथ ही हजारीबाग में कई एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से खरीद बिक्री की गई. अब इस मामले में ईडी ने भी केस दर्ज किया है. जिससे आने वाले दिनों में कई खुलासे होने की संभवना है.
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