रांची(RANCHI) : झारखंड में चुनावी मोड में आ चुका है. वहीं झारखंड चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी दोनों का झारखंड दौरा हो रहा है. झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और झारखंड सह प्रभारी हिमंत बीस्वा सरमा का आज रांची में ही दो अलग-अलग जगहों पर कार्यकर्ताओं के साथ संकल्प सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में लोगों से खुद को जोड़ने की कोशिश और झारखंड के विधानसभा क्षेत्र में अपनी जड़ मजबूत करने की कोशिश की गई. इस बीच मंच से हिमंत बिस्वा सरमा ने संकल्प लेते हुए कहा कि झारखंड से कांग्रेस और जेएमएम को विदा करना है और झारखंड में मोदी की सरकार बनाना है.
5 सीट वाले 9 सीट को धमका रहें
झारखंड के सह चुनाव प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आया था तब मैं दिल्ली पार्टी कार्यालय गया. वहां सब ने कहा कि झारखंड में रिजल्ट अच्छा नही हैं. फिर मैंने समझाया कि 9 बड़ा या 5 उन्होंने कहा कि हम लोग 9 सीट जीते हैं और झामुमो और कांग्रेस मिलकर 5 सीट मिली हैं. भाजपा ने झारखंड में हारा नहीं लेकिन फिर भी 5 सीट मिलने वाले 9 को और 99 सीट वाले 244 को धमका रहें है.
राज्य को सरकार ने बनाया छोटा बांग्लादेश
उन्होंने कहा कि झारखंड को हेमंत सोरेन ने छोटा बांग्लादेश बना दिया है. झारखंड में घुस कर बांग्लादेशी आदिवासी बेटियों के साथ शादी कर रहें हैं. इन्हीं सब को देखते हुए झारखंड में एक ऐसा कानून होना चाहिए कि झारखंड की बेटियां बांग्लादेशियों से सुरक्षित रहें और इनकी शादी गैरकानूनी हो. उन्होंने कहा कि आदिवासी का वोट लेने से काम नहीं होगा. कम से कम उन्हें आदिवासियों के लिए काम करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आदिवासी के लिए हेमंत सोरेन कुछ नही कर पा रहें है, तो कल्पना सोरेन ने जिस संघर्ष के साथ हेमंत सोरेन को जेल से निकाला उसी अंदाज में एक मां और बेटी होने के नाते उन्हें झारखंड की बेटियों के लिए लड़ाई करनी चाहिए.
हेमंत सोरेन के साथ रहने वाला कोई आदिवासी नहीं
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन खुद को आदिवासी नेता मानते हैं लेकिन, उनके साथ पिंटु चिंटु घूमते हैं, क्या वह आदिवासी है. हेमंत सोरेन के साथ में कोई आदिवासी नहीं है, उनसे जो बेनिफिट और एडवांस लेते हैं, उनमें से का कोई आदिवासी नेता नहीं है.
चंपाई सोरेन के साथ पॉलिटिकल मर्डर
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जेल से छूटने के बाद उन्होंने चंपाई सोरेन का पॉलिटिकल मर्डर कर दिया. उन्होंने चंपाई सोरेन को तो कुर्सी से हटा तो दिया लेकिन इससे ये समझ आता है कि हेमंत सोरेन को आदिवासियों से नही सत्ता से मतलब हैं. हेमंत सोरेन से ज्यादा बेहतर चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री थे वह हर लोगों की समस्या का समाधान और राज्य को मजबूत कर रहे थे.
सत्ता में झुठ के साथ आई थी सरकार
वहीं उन्होंने हेमंत सोरेन पर वार करते हुए कहा कि झारखंड में अब तक कितना विकास हुआ यह सब जानते है राज्य में जब से जेएमएम की सरकार आई है. भ्रष्टाचार बढ़ता और रोजगार कम होता जा रहा हैं. यह सरकार झुठ के ही साथ सत्ता में आई थी और अब अपने झुठे वादे के ही साथ वापस जाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कभी झुठा वादा नही किया हमने जो बोला वह किया. बीजेपी ने कहा था राम मंदिर बनायेंगे हमने बनवाया.
झारखंड का बालू भेजा जा रहा दुसरे राज्य
उन्होंने झारखंड के विकास पर भी सवाल उटाते हुए कहा कि राज्य में विकास न होने का सबसे बड़ा कारण बालू की कमी है. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले झारखंड के लोगों को बालू देना चाहिए. फिर बाहर में लेकिन, यहां तो उल्टा हो रहा है सरकार पहले बाहर वालों को बालू दे रहीं हैं, फिर झारखंड के लोगों को.
खटाखट जनता के खाते में 5 साल का पैसा भेजे
वहीं उन्होंने चुनावी दौरे में राहुल गांधी के खटाखट वाले भाषन पर फिर से चुटकी लेते हुए कहा कि अगर जनता को पैसा देना है,तो चुपचाप उनके खाते में डाल दीजिए खटाखट बोलने की क्या जरूरत है, क्या यह पैसे रॉकेट से आएगी? लेकिन अगर देश में राहुल गांधी की सरकार रही तो, घर के गेट तोड़कर खटाखट 500 रुपए सबके खाते में आ जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से असम की नागरिकों के अकाउंट में पैसा जाता है लेकिन हम खटाखट नहीं चुपचाप पैसा भेजते. वहीं प्रधानमंत्री भी किसानों के अकाउंट में पैसा भेजते हैं लेकिन वह भी खटाखट नहीं चुपचाप भेजते हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को खटाखट पैसा ही देना है तो दीजिए, झारखंड में आपकी सरकार हैं.
लेकिन यह तब पैसा दे रहे है, जब चुनाव नजदीक आ गई है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन जनता को पैसा देने की बात कर रहे हैं लेकिन उन्हें पैसा देना ही है तो 5 साल का पैसा एक बार में उन्हें 60 हजार सबके अकाउंट में भेज देना चाहिए, ताकी जनता के लिए वाकई में वह पैसा कुछ काम आ सकें.
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