रांची(RANCHI): झारखंड में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी छोटी से बड़ी पार्टियों अपनी दावेदारी पेश कर रही है. वहीं इस बीच एनडीए के घटक हिंदुस्तान की अवामी मोर्चा (हम) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रांची में आयोजित की जा रही है. बैठक में हम पार्टी के संरक्षण जीतन राम मांझी सहित पार्टी के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. इस दौरान हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार में मंत्री संतोष सुमन ने कहा है कि रांची में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है, जहां निर्णय लिए जाते हैं. प्रस्ताव पारित किया जाता है और उन प्रस्ताव पर हम एक साल का एजेंडा तय करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत सारे महत्वपूर्ण मुद्दा है उस पर विस्तार से चर्चा की गई.
संगठन का करना चाहते है विस्तार
HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जो मुद्दे हैं उनमें सदस्यता अभियान है. उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल, झारखंड, में वृहद तरीके से संगठन का विस्तार करना चाहते हैं, उसकी आज चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में बिहार में भी होने वाले विधानसभा चुनाव के मुद्दों पर चर्चा हुई.
झारखंड में चुनाव लड़ने की तैयारी
उन्होंने कहा कि आज कि बैठक में सदस्यों से राय लिया गया कि झारखंड में चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं. पार्टी किस स्तर पर यहां खड़ी है. अगर विचार आया कि यहां भी चुनाव लड़ना है तो हम एनडीए के घटक दल से बात कर सकते हैं. यहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात कर अपनी बातों को रखेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे बिहार के अलावा झारखंड से भी चुनाव लड़कर आए और झारखंड में गरीब दलितों को आगे लेकर जाएं.
चतरा, पलामू में बिहार के लोग
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी है. हमें एक केंद्र में एक सीट मिला है. बिहार में एक लेबर पार्टी है. उसको अपने साथ मर्ज करने का प्रस्ताव रखा गया है. उन्होंले कहा कि बिहार से सटे हुए चतरा, पलामू में बिहार से ही लोग आकर काम करते हैं और जो हमारे पार्टी को समझने वाले हैं. गठबंधन बनाकर हम चुनाव लड़ सकते है.
विधानसभा के पांच सीटों पर टारगेट
वहीं उन्होंने झारखंड सीट पर दावा करते हुए कहा कि 5-6 ऐसे विधानसभा सीट हैं. जिसे हम टारगेट कर रहे हैं. हम गठबंधन के साथ लड़ेंगे तो ठीक हैं और अगर अकेले लड़ने का प्रस्ताव आता है तो उस पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं पार्टी झारखंड से चुनाव लड़े ताकि संगठन का विस्तार हो.
बाहर से आए लोग के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियां तेज
वहीं उन्होंने दूसरे राज्य से आए लोगों द्वारा डेमोग्राफी चेंज करने के सवाल पर कहा कि हम इसे मानते हैं कि यहां के लोगों का पहला अधिकार है, लेकिन बाहर से आये लोगों द्वारा डेमोग्राफी चेंज नहीं होता है. वह अपना योगदान देते हैं उनके आने से यहां आने से आर्थिक गतिविधियां तेज होती है. यहां बहुत लोग बिहार से आए हुए हैं. वह अपना कारोबार कर रहे हैं. कोई डेमोग्राफी चेंज नहीं हो रहा. यहां अच्छे से काम हो रहा है. पूरे देश में सबका अधिकार है. उन्होंने कहा कि प्रिमिटिव ट्राइब जो विकास की धारा से अलग है उनका विकास पहुंचना चाहिए. झारखंड में आदिवासियों को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला हैं. उन्हें डेमोग्राफी या अन्य बातों पर नहीं आदिवासी समुदाय के विकास के बारे में सोचना चाहिए.
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