टीएनपी डेस्क(TNP DESK):आज दुनिया भर में एक अरब लोग मानसिक रोगों से किसी ना किसी तरह ग्रसित है. आज कल के बिजी लाईफ और जल्दी आगे बढ़ने की होड़ में सभी टेंशन में रहते हैं. अपनी परेशानी को लेकर इतना ज्यादा सोचते हैं कि मानसिक रुप से बीमार हो जाते हैं. पिछले दस सालों में लगातार मानसिक रुप से होनेवाली बीमारियों ने तेजी से पैर पसारा है. जिसकी वजह से सुसाइड के भी मामले बढ़े हैं. आपको बता दें कि मानसिक तौर पर होनेवाली कोई भी बीमारी एक तरह का मानसिक स्वास्थ्य विकार है. जिसमें लोगों को मेंटल हेल्थ की परेशानी शामिल होती है.
दुनियाभर में लगभग एक अरब लोग मानसिक रोगी- WHO
मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्ति में तेजी से कुछ लक्षणों का बदलाव देखने को मिलता है. जिसे मेडिकल की भाषा में मेंटल डिसऑर्डर भी कहते हैं. इससे ग्रसित मरीज की सोच, व्यवहार और मनोदश में बदलाव आने लगते हैं. जिससे व्यक्ति धीरे-धीरे टेंशन, ईटिंग डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया और डिप्रेशन का शिकार हो जाता है. वहीं WHO की ओर से जारी रिपोर्ट की माने तो दुनियाभर में लगभग एक अरब लोग मानसिक रोग से पीड़ित हैं. जिसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है. तो वहीं भारत देश में पांच करोड़ से भी ज्यादा मानसिक रोगी है. जिसमे बच्चे भी शामिल है. बच्चों में डेवलपमेंटल डिजॉअर्डर्स की बीमारी फैलती है.
बदनामी के डर से मानसिक रोगी नहीं कराते हैं इलाज
मानसिक रोगों से ग्रसित मरीज अपना इलाज समाज में बदनामी के डर से भी नहीं कराते हैं. क्यों कि उन्हें डर होता है कि जब लोगों को इसकी जानकारी होगी तो सभी उन्हें पागल समझेंगे. ऐसे रोगियों 24 घंटे उल्टे-पुल्टे ख्याल आते रहते हैं. हर अच्छी चीजों में भी उन्हें नेगेटिव चीजें ही दिखाई देती है. अपनी नाकारात्मक सोच से परेशान होकर इनके अंदर चिड़चिड़ापन के साथ और कई शारीरिक बामारियां पनपने लगती है. और इन सब से परेशान होकर व्यक्ति के अंदर आत्महत्या करने का ख्याल आने लगता है. इसलिए ऐसे लोगों की पहचान कर इनका समय रहते इलाज कराना बहुत जरुरी है.
मानसिक बीमारी के ये लक्षण है
आपको बताये कि मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. जिससे आप अपने आस-पास इससे ग्रसित व्यक्ति को कुछ लक्षणों के माध्यम से चिन्हित कर सकते हैं. जिसमें किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना, अंदर से हमेशा बेचैन होना, हमेशा उदास रहना, छोटी से छोटी बातों पर अधिक चिंता करके डरना, परिवार के लोगों, दोस्तों से दूर और चुपचाप रहना, समाज के किसी भी काम में दिलचस्पी नहीं दिखाना, रात भर नींद नहीं आना, दिनभर सोचते रहना, किसी अनहोनी के भ्रम से डरते रहना, व्यक्ति के शरीर में थकान और ऊर्जा में कमी रहना, खाने की आदतों में बदलाव करना, बहुत गुस्सा आना, हिंसक व्यवहार करना, दिन भर बिस्तर पर बेसुध लेटे रहना, पीठ, सिर में हमेशा दर्द, आत्महत्या करने का विचार लाना, परेशानी से बचने के लिए शराब ज्यादा पीना शामिल हो सकता है.
मानसिक बीमारी से ठीक होने के उपाय
यदि आपके भी परिवार, दोस्त आस-पड़ोस में किसी व्यक्ति में इस तरह के कोई भी लक्षण दिखते हैं तो उन्हें इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास जाने की सलाह दे. क्योंकि मानसिक रोगी कभी भी आसानी से अपनी बीमारी का खुलासा नहीं करता है. मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर और दवाईयों के साथ इमोशनल सपोर्ट की भी जरुरत होती है. क्योंकि ये लोग अपने को हमेशा अकेला महसूस करते हैं. इसलिए हमेशा इनके आस-पास रहे. और खुश रखने की कोशिश करें. हमेशा उनको एक अच्छा माहौल देने की कोशिश करें. इससे उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होता है.
रिपोर्ट-प्रियंका कुमारी
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