रांची(Ranchi): देश में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा खसरा रोगी झारखंड के गिरिडीह में मिले हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. राज्य में गिरिडीह समेत 9 जिले में खसरा रोगियों की संख्या बढ़ रही है. इनमें साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, देवघर, दुमका, जामताड़ा, धनबाद और कोडरमा शामिल हैं. WHO की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है.
15 अप्रैल से शुरू होगी टीकाकरण
अब बचाव को लिए सभी 9 जिलों में टीकाकरण की तैयारी की जा रही है. इसकी शुरुआत 15 अप्रैल 2023 से होगी. इसके तहत 9 महीने से 15 साल के बच्चों को (मिजिल्स-रूबेला) खसरा का टिका दिया जाएगा.
खसरा से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत
डब्ल्यूएचओ के एसआरएलटी डॉ. संजय कुमार ने कहा कि गिरिडीह खसरा से एक ही परिवार के 3 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें एक बच्चे की उम्र साढ़े 4 साल था. वहीं अन्य दो बच्चों में एक सवा साल और दूसरा 1 साल का था. केंद्रीय टीम ने भी बच्चों की मौत खसरा रोग से होने की पुष्टि की थी. इसके अलावा गिरिडीह समेत 9 जिलों में कई बच्चे इस रोग से पीड़ित पाए गए हैं.
क्या है खसरा रोग
खसरा रोग संक्रामक वायरस से होता है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है. खसरा होने पर इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं. खसरा होने पर यह लाल दाने शरूआत में सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं. खसरा रोग को रूबेला (Rubeola) भी कहा जाता है. खसरे के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक इसे चार चरणों में बांटा जा सकता है यह चरण दो से तीन सप्ताह तक होते हैं, लेकिन गंभीर स्थिति होने पर चार सप्ताह तक भी चल सकते हैं.
खसका के लक्षण
तेज बुखार आना, सूखी खाँसी होना, लगातार नाक बहना, गले में खरास बने रहना, आँखो में सूजन आना, गला की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर पाए जाने वाले लाल रंग की पृष्ठभूमि पर नीले-सफेद केंद्रों वाले छोटे धब्बे आना खसका के लक्ष्ण होते है.
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