रांची(RANCHI): झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल खुद बीमार है. इस अस्पताल को इलाज की जरूरत है. रिम्स की कुव्यवस्था को लेकर कई बार कोर्ट ने भी फटकार लगाया है. लेकिन रिम्स प्रबंधक पर इसका कोई असर नहीं हुआ. रिम्स की बदहाली ने एक 12 वर्ष के बच्चे की जान ले ली. बच्चे के परिजन बच्चे को साथ लेकर रिम्स में बेहतर इलाज के लिए आए थे. लेकिन शायद उनको मालूम नहीं था कि जो अस्पताल खुद बीमार है वहां इलाज कैसे होगा. अस्पताल में लाइट चले जाने के कारण लिफ्ट में घंटों फसे रहने के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. बच्चे की मौत के साथ फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
रिम्स में दलालों का जमावड़ा
बच्चे की मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है. पूरी व्यवस्था खत्म हो चुकी है. इस मामले में जो भी दोषी है उनलोगों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. वहीं इस घटना के बाद उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह बेहद ही शर्मिंदा करने वाली घटना है. रिम्स में सिर्फ दलालों का जमावड़ा लगा रहता है.
भाजपा ने 17 वर्षों में बर्बाद किया अस्पताल
वहीं झारखंड की सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने रिम्स अस्पताल की व्यवस्था को लेकर भाजपा को जिम्मेवार ठहराते हुए बताया कि 17 वर्षों के शासन के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने रिम्स अस्पताल को बेहतर करने के दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.अब झामुमो की सरकार सत्ता में आई है तो धीरे-धीरे सभी व्यवस्था सामान्य हो रही है.
भाजपा की आदत है मौत और मातम पर राजनीति
राज्य में सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने इस घटना पर दुख जताया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि जो भी इस घटना में दोषी है, उन्हे सजा मिलनी चाहिए. ऐसी घटनाओं का इस सरकार में कोई जगह नहीं है. जांच के बाद जो दोषी है उन्हे सज़ा मिलेगी. अगर भाजपा विपक्ष की भूमिका ठीक से निभाए तो ऐसी घटनाओं पर विराम लगाया जा सकता है. लेकिन भाजपा सिर्फ बयान देती है, ऐसी राजनीति ठीक नहीं है. भाजपा की आदत है मौत और मातम पर राजनीति करना ऐसा नहीं होना चाहिए.
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