टीएनपी डेस्क: मंकीपॉक्स वायरस का खतरा अब तक अच्छे से टला नहीं कि इस बीच दूसरे वायरस ‘निपाह’ ने एक बार फिर से भारत में दस्तक दे दी है. भारत के दक्षिणी राज्य केरल में इसी साल के जून-जुलाई के महीने में तांडव मचाने के बाद एक बार फिर ‘निपाह वायरस’ ने केरल के ही एक 24 वर्षीय युवक की जान ले ली है. केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि, पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में मृतक के सैंपल का टेस्ट करवाया गया था, जिसमें मृत युवक को निपाह वायरस होने की पुष्टि की गई है.
पांच को रखा गया आइसोलेशन में
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि, निपाह वायरस की पुष्टि होते ही संक्रमित युवक के संपर्क में आए करीब 151 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिनमें से पांच में निपाह के लक्षण दिखाई दिए हैं. पांचों को आइसोलेशन में रखा गया है और उनके सैंपल परीक्षण के लिए भेज दिया गया है. राज्य में इसको लेकर अलर्ट जारी करने के साथ लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है. वहीं, 3 महीने पहले की बात करें तो जुलाई में भी एक 14 वर्षीय युवक की जान निपाह वायरस के कारण जा चुकी है. साल 2018 से यह छठी बार लगातार है, जब निपाह वायरस ने केरल में दस्तक दी है.
क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलने वाला एक जूनोटिक वायरस है. किसी भी संक्रमित पशु के संपर्क में आने से निपाह वायरस इंसानों में फैलता है. चमगादड़ों व सूअरों के माध्यम से यह ज्यादातर फैलता है. निपाह वायरस से पीड़ित इंसान के संपर्क में आने से भी यह दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. यह वायरस पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलता है और दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है. इसके गंभीर लक्षण इंसान के ब्रैन को डैमेज कर सकता है, और उसकी जान भी जा सकती है. इस वायरस के लिए अब तक कोई इलाज या टीका नहीं है.
निपाह वायरस के लक्षण
इस वायरस के लक्षण मुख्यता 14 दिनों के भीतर दिखाई देना शुरू करते हैं.
निपाह से बचाव के उपाय
निपाह वायरस का अब तक कोई भी वैक्सीन या इलाज नहीं निकला है. इसलिए आप कुछ तरीकें अपना कर इस वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं. जैसे की:
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