टीएनपी डेस्क: मुस्कानें झूठी है... ये सिर्फ गाना ही नहीं बल्कि जिंदगी की हकीकत है. बचपन से ही हम एक मिथ्या के साथ बड़े हुए हैं या यूं कहें की इस समाज ने इस मिथ्या को बरकरार रखा है की अगर कोई व्यक्ति मुस्कुरा रहा है या वह खुश है तो उसे किसी तरह की कोई भी टेंशन या प्रॉब्लम नहीं है. वह अपनी जिंदगी से खुश है और सभी तकलीफों से दूर है. हालांकि, हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता. ये ज्यादा हंसने वाले लोग ही कभी कभी ज्यादा स्ट्रेस (Stress) और टेंशन (Tension) में होते हैं. बस ये अपनी प्रॉब्लम्स को अपनी मुस्कान के पीछे छुपाने में एक्सपर्ट होते हैं. ऐसे में हंसी के पीछे अपने स्ट्रेस को छुपाते छुपाते ये एक तरह से स्माइलिंग डिप्रेशन (Smiling Depression) का शिकार हो जाते हैं. मजे की बात तो यह है कि, इस बात का पता तो इन्हें भी नहीं चल पाता है कि ये किसी तरह के डिप्रेशन (Depression) का शिकार हो गए हैं. हमेशा ऐसे लोगों को स्ट्रेस में भी हंसते मुस्कुराते देखा जाता है. ये अपने चेहरे पर मुस्कान ऐसे रखते हैं जैसे इनकी जिंदगी में कोई समस्या ही न हो. आज के इस आर्टिकल में जानिए की क्या होता है स्माइलिंग डिप्रेशन और इसके लक्षण.
क्या होता है स्माइलिंग डिप्रेशन
डिप्रेशन कई तरह के होते हैं. ऐसे में जरूरी नहीं की अगर सामने वाला मुस्कुरा रहा है तो वह डिप्रेशन का शिकार नहीं हो सकता. स्माइलिंग डिप्रेशन (Smiling Depression) भी कुछ ऐसा ही है. इसमें व्यक्ति बाहर से तो खुश तो रहता है लेकिन अंदर ही अंदर वह अपने दर्द को छुपा रहा होता है. स्माइलिंग डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति का सबके साथ हंसते मुस्कुराते रहने के कारण कोई और उसका डिप्रेशन में होने का अंदाजा भी नहीं लगा पाता है. ऐसे में पीड़ित व्यक्ति हमेशा हंसकर और मुस्कुराकर अपना डिप्रेशन छुपा लेता है. लेकिन इस मुस्कुराहट के पीछे उदासी, निराशा को वह खुद में ही झेल रहा होता है.
खतरनाक हो सकता है स्माइलिंग डिप्रेशन
डिप्रेशन कोई भी हो हमेशा खतरनाक ही होती है. स्माइलिंग डिप्रेशन में पीड़ित व्यक्ति पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. ऐसे में पीड़ित के मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इस डिप्रेशन से शिकार व्यक्ति के दिमाग में नकारात्मक विचार जैसे की आत्महत्या के विचार आने लगते हैं.
स्माइलिंग डिप्रेशन के लक्षण
स्माइलिंग डिप्रेशन के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन व्यक्ति के बर्ताव में हुए बदलाव से इस बात का पता लगाया जा सकता है. अगर आपको किसी में स्माइलिंग डिप्रेशन का पता लगाना है तो सबसे पहले यह पता करना होगा की वह लंबे समय से किसी बात को लेकर उदास तो नहीं. क्योंकि, उदासी डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण होता है. इसके अलावा और भी कई लक्षण होते हैं जैसे की-
स्माइलिंग डिप्रेशन का खतरा कब बढ़ जाता है
डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी को हो सकती है. सबसे ज्यादा तो यह तब होती है जब कोई व्यक्ति स्ट्रेस या टेंशन में हो और अकेला महसूस कर रहा हो. अकेलेपन का कारण ही लोगों में ज्यादातर डिप्रेशन की वजह बना हुआ है. इतना ही नहीं, करियर में टेंशन या किसी भी काम में फैल होना, किसी रिश्ते का टूटना, फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स का होना या फिर घर परिवार रिश्तेदारों और दोस्तों से सपोर्ट न मिलना. ये सारी समस्या किसी भी इंसान को डिप्रेशन में ले जाने के लिए काफी है.
स्माइलिंग डिप्रेशन का इलाज क्या है
इस डिप्रेशन से अगर आप बचना चाहते हैं तो अपनी लाइफ में थोड़े बदलाव कर आप इससे बच सकते हैं. साथ ही इससे बचने के लिए आप साइकोलॉजिस्ट के पास जा सकते हैं. कॉग्नेटिव बिहेवियरल ट्रीटमेंट (CBT) के जरिए वे आपका कुछ टेस्ट करेंगे और रिजल्ट के हिसाब से आपके विचार, बिहेवीयर और पैटर्न को बदलने की आपको सलाह देंगें. जिसके लिए वे आपको कई तरह के उपाय बताते हैं. अगर आपको डिप्रेशन के कोई भी लक्षण महसूस होते हैं तो आप अपने किसी भी दोस्त या परिवार वालों को सारी बातें बताएं. कभी भी अपनी समस्या को खुद तक न रखें, किसी न किसी से जरूर शेयर करें. अकेला महसूस होने पर घर वालों के साथ रहने की कोशिश करें. अपने रोजमर्रा की जिंदगी में व्यायाम, मेडिटेशन या योग को शामिल करें. साथ ही खानपान पर भी विशेष तरह से ध्यान दें.
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