टीएनपी डेस्क(TNP DESK):बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाने रोजाना छोटे-छोटे शहरों से कितने ही लड़के और लड़कियां आंखों में हजारों सपने और अरमान लेकर मुंबई शहर में आते हैं. मुंबई शहर में कुछ को तो कामयाबी मिलती है, तो वहीं कई गुम होकर रह जाते हैं. जिन लोगों को कामयाबी मिलती है उनको भी जिंदगी कुछ ज्यादा दिन नहीं चलती. एक ऐसी ही सुंदर सी सीधी साधी दिव्या नाम की लड़की ने मुबंई में खूब कामयाबी हासलि की. लेकिन एक दिन अचानक रहस्मयी तरीके से उसकी मौत हो गई. आज हम बॉलीवुड की रहस्यमई मौत की कहानी आपको बताएंगे, दिव्या भारती की जिंदगी से जुड़ी हर पहलु से रुबरु करायेंगे.
मौत के दिन काफी खुश थी दिव्या
दिव्या भारती अपनी जिंदगी के आखिरी दिन बहुत खुश थी. खुशी के पीछे की वजह फ्लैट की डील फाइनल होने की थी. 5 अप्रैल 1993 को दिव्या हैदराबाद से मुंबई दोपहर बाद लोटी थीं. इसी खुशी को सेलीब्रेट करने के लिए वो अगले दिन घर पर रुक गई और शूटिंग पर जाना कैंसल कर दिया. उसी शाम को अचानक उनके पास फैशन डिजाइनर नीता लुल्ला ने फोन किया. वो आंदोलन फिल्म के ड्रेस के सिलसिले में दिव्या से मिलना चाहती थी.
शराब के नशे में खिड़की से गिरी
उसी शाम को दिव्या से मिलने नीता अपने पति श्याम लुल्ला के साथ दिव्या के घर पहुंची. इसके बाद दिव्या, नीता और उनके पति श्याम ड्राइंग रूम में बैठकर ड्रेस को लेकर कुछ डिसकस कर रहे थे. वहीं किचन में नौकरानी अमृता जो दिव्या को बचपन से ही जानती थी, वो मेहमानों के लिए खाने का इंतजाम कर रही थी. इधर ड्राइंग रूम में बैठे तीनों शराब पी रहे थे. और देखते-देखते रात के रात के 11 बज गए. तभी दिव्या उठकर किचन में गईं. और वहां पर 12 इंच की खिड़की पर बैठने की कोशिश में लड़खड़कर अचानक पांचवी मंजिल से नीचे गिर गईं.
अस्पताल ले जाने के दौरान हुई थी मौत
जिसके बाद उनकी नौकरानी जोर-जोर से चिल्लाने लगी. आवाज सुनकर घर में मौजूद नीता और श्याम भी भागते हुए बिल्डिंग के नीचे गए. और दिव्या को पास के कूपर हॉस्पिटल में भर्ती कराया. अस्पताल ले जाने के पहले तक वो जिंदा थी लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद पूरे देश में इस रहस्मयी मौत से हल्ला मच गया. लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा था कि दिव्या जिस खिड़की से गिरी उसमें ग्रिल क्यों नहीं लगा हुआ था. उस खिड़की के नीचे ही पार्किंग लॉन था रोजाना गाड़िया खड़ी पार्क रहती थी. लेकिन उस दिन एक भी गाड़ी नहीं क्यों नहीं थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया एक्सिडेंट
दिव्या की मौत की खबर फैलते ही कुछ लोग इसे सुसाइड बता रहे थे. तो वहीं कुछ इसे मर्डर कहा. मौत के इस मामले की पूरी जांच वर्सोवा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने की. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि दिव्या की मौत महज एक एक्सीडेंट था. ज्यादा शराब पीने की वजह वो खुद को संभाल नहीं पाई और खिड़की से गिर गईं. 7 अप्रैल 1993 में दिव्या का अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले में हुआ था.
पति साजिद नाडियावाला का नाम अंडरवर्ल्ड से जुड़ने से डिप्रेशन में थी.
कई ने ये दावा किया था कि दिव्या के पति साजिद नाडियावाला का नाम अंडरवर्ल्ड से जुड़ने की खबर से लंबे समय से दुखी और परेशान थी. वहीं शादी के बाद सास के साथ रिश्ते भी खराब थे. जिसकी वजह से दिव्या लंबे समय से डिप्रेशन में थीं. लेकिन वहीं दुसरी तरफ लोग ये भी कह रहे थे कि दिव्या को अगर सुसाइड करना होता तो उसी दिन क्यों घर की डील फाइनल करती. उनके भाई और नौकरानी ने बताया था कि वो मौत के दिन सुबह से बहुत ही ज्यादा खुश थीं.जिसके बाद शक का दायरा बढ़ता जा रहा था.वहीं इंडस्ट्री के कुछ लोगों का ये भी कहना था कि दिव्या का मर्डर हुआ था.पुलिस ने जब मर्डर एंगल से जांच की तो बड़ा चौकानेवाला खुलासा सामने आया. इसमे पता चला कि जिस खिड़की से दिव्व्या गिर कर मरी थी. उसमे ऑटो- स्टापर नहीं लगा था. बाकी बिल्डिंग के सभी खिड़कियों में ऑटो-स्टापर लगा था.
5 साल की लंबी जांच के बाद मिली 1998 में आरोपियों को मिली क्लीन चिट
इस मामले में लंबी जांच चली. पुलिस 5 साल तक जांच करती रही. जिसमे पुलिस ने इंडस्ट्री के कई लोगों से पूछताछ की. दिव्या के पति साजिद नाडियाडवाला सबसे ज्यादा शक के घेरे में थे. अंत में साल 1998 में इस बात पर पुलिस ने आधिकारिक पुष्टि किया की दिव्या की मौत मर्डर नहीं महज एक हादसा था. शक के घेरे में रहे सभी लोगों को पुलिस ने क्लीन चिट मिल गई.
नौकरानी की भी मौत
दिव्या के मौत के मामले में लगातार अजीबोगरीब चीजें हो रही थी. जो किसी को समझ नहीं आ रहा था. पुलिस का माथा तब घुम गया जब मौत के समय दिव्या के घर में मौजूद नौकरानी की भी एक महीने के बाद मौत हो गई. जिसका कारण हार्ट अटैक बताया गया.
दिव्या अक्सर मां के सपनों में आती थी
वहीं दिव्या की मां मीता ने बताया एक खुलासा किया जिस पर विश्वास कर पाना असंभव था. मां ने बताया कि 'दिव्या अक्सर उनके सपनों में आती थी. जिस दिन जल्दी जागना होता था, दिव्या सपने में आकर मुझे जगा देती थी. साजिद की दूसरी पत्नी वर्धा ने भी कई बार दिव्या के सपने में आने की बात बताई है. उनकी शादी के छह साल बाद दिव्या ने सपने में आना बंद कर दिया.वर्धा ने एक बार बताया था कि उनकी और साजिद की मुलाकात दिव्या ने ही करवाई थी.
जब श्रीदेवी करने लगी थी दिव्या जैसी हरकते.
इसके साथ ही एक और रहस्मयी बात श्रीदेवी ने बताई थी. दिव्या को पहले फिल्म लाडला के लिए साइन किया गया था. लेकिन उनकी मौत के बाद ये फिल्म श्रीदेवी को दे दी गई. लेकिन शूटिंग के दौरान हुई एक घटना से सेट पर मौजूद लोग डर गए. एक सीन के दौरान श्रीदेवी दिव्या की तरह उसी लाइन पर अटक रही थी जिसपर दिव्या भी अटका करती थीं. लाइन भूलता देख सभी लोग घबरा गए थे. जिसके बाद फिल्म के सेट पर गायत्री मंत्र का पाठ कराया गया. फिर श्रीदेवा ने बिना रुके शूटिंग पूरी की.
किस्सा जब एक आदमी ने दिव्या को नकली गुड़िया समझ लिया था
25 फरवरी साल 1974 में 25 फरवरी के दिन दिव्या भारती का जन्म को मुंबई में हुआ था. उनके पिता का नाम ओम प्रकाश भारती और मीता भारती था. बचपन से ही चुलबुली स्वभाव वाली दिव्या एक गुड़िया की तरह दिखती थीं. एक बार उनकी मां ने कार के बोनट पर उनको बैठाया था. तभी बगल से गुजरे एक आदमी ने पूछा कि उन्होंने बोनट पर बैठी गुड़िया कहां से ली. तब उनकी मां ने हंसते हुए जवाब दिया कि वो गुड़िया नहीं बल्कि उनकी बेटी है.
कई फिल्मों से निकाला गया
फिल्ममेकर नंदू तोलानी ने फिल्म गुनाहों के देवता 1988 में ऑफर की थी.उस समय दिव्या महज 14 साल की थीं. इस फिल्म से वो फिल्मों में एंट्री लेने वाली थी, लेकिन बाद में उनकी जगह फिल्म में संगीता बिजलानी को साईन कर लिया गया. इससे पहले भी उन्हें एक और फिल्म का ऑफर आया था लेकिन उनके पिता ने मना कर दिया था.
एक दिन वीडियो लाइब्रेरी में गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार की नजर दिव्या पर पड़ी. उन्हें देखते ही उन्होने फिल्म राधा का संगम में गोविंदा के साथ कास्ट किया. इसके लिए दिव्या ने महीनों तक डांस और एक्टिंग क्लासेस भी लीं लेकिन आखिरी समय में उनकी जगह जूही चावला को कास्ट कर लिया गया.
साउथ की फिल्म से किया डेब्यू
दिव्या भारती ने 1990 में साउथ के डायरेक्टर डी. रामानायडू की तेलुगु फिल्म बोबली राजा से डेब्यू किया. तेलुगु की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है. इसके बाद दिव्या की कई बेहतरीन फिल्मों में नजर आईं.
1992 में किया बॉलीवुड डेब्यू
साउथ में दमदार एक्टिंग को देखकर बॉलीवुड के फिल्ममेकर भी उन्हें अप्रोच करने लगे. दिव्या ने साल 1992 में फिल्म विश्वात्मा से बॉलीवुड एंट्री ली. ये फिल्म हिट नहीं थी, लेकिन इस फिल्म से वो रातों-रात फेमस हो गई. रिलीज के एक हफ्ते बाद ही दिव्या की दूसरी फिल्म दिल का क्या कसूर रिलीज हुई. ये भी फ्लॉप थी. इसी साल दिव्या फिल्म शोला और शबनम में नजर आई. जो बड़ी हिट फिल्म थी. 1992 में ही दिव्या फिल्म दीवाना, जान से प्यारा, दिल आशना है, बलवान, दिल ही तो है, दुश्मन जमाना, गीत में नजर आई.
शादी कर बदला धर्म
शोला और शबनम फिल्म की शूटिंग के दौरान दिव्या साजिद नाडियाडवाला से मिली दोनों में दोस्ती और फिर प्यार हुआ.जिसके बाद 10 मई 1992 में दोनों ने सीक्रेट तरीके से शादी कर ली. साजिद से शादी करने से पहले दिव्या ने इस्लाम कबूल कर सना नाम रखा. मुंबई की तुलसी बिल्डिंग में हुई इस शादी में सिर्फ दिव्या की हेयरड्रेसर, दोस्त संध्या, इसके पति, काजी ही शामिल हुए थे.
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