रांची(RANCHI)- झारखंड में नियुक्तियों का रास्ता साफ करने की तैयारी कर ली गयी है, कार्मिक प्रशासनिक सुधार राजभाषा विभाग ने झारखंड राज्य समाहरणालय लिपिकीय संवर्ग भर्ती प्रोन्नति और अन्य सेवा शर्त द्वित्तीय संशोधन नियमावली 2023 को अधिसूचित कर दिया है. नयी नियमावली के अनुसार उम्मीवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय और संस्थान से इंटरमीडिएट होना अनिवार्य होगा. जबकि इसके पहले की नियमावली में झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास रहने को अनिवार्य शर्त बनाया गया था.
कर्मचारी चयन आयोग को भेजी जायेगी अधियाचना
बताया जा रहा है कि नयी नियमावली के तहत कार्मिक विभाग जल्द ही कर्मचारी चयन आयोग को अपनी अधियाजना भेजेगा. और झारखंड में नियुक्ति की बाधित प्रक्रिया शुरु हो जायेगी.
यहां बता दें कि हेमंत सरकार के द्वारा 2021 की नियमावली में झारखंड से मैट्रिक इंटर पास रहने को अनिवार्य शर्त बनाया गया था, जिसका काफी विरोध हुआ था. हालांकि सरकार का तर्क था कि इससे झारखंड के छात्रों को मदद मिलेगी, उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ होगा, लेकिन इसके विरोधियों का तर्क था कि झारखंड के कई छात्र बाहर जाकर भी अपनी पढ़ाई करते हैं, यह नीति उनके लिए नुकसानदायक होगा, बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने भी सरकार की उस नियोजन नीति को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद सरकार की ओर से नयी नियोजन नीति का निर्माण किया गया है. हालांकि कुछ छात्रों के द्वारा इस नयी नियोजन नीति का भी विरोध हो रहा है, छात्रों का मुख्य विरोध नयी नियोजन नीति में 60:40 का फार्मूला को लेकर है. उनका दावा कि सरकार ने 40 फीसदी सीटों को खुला छोड़कर बाहर के छात्रों के लिए रास्ता साफ कर दिया है.
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