Ranchi- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के द्वारा दो दिन पहले गिरफ्तार तीन आंतकवादियों को झारखंड लाने की कवायद शुरु हो चुकी है, जल्द ही एनआईए रांची इसके लिए दिल्ली रवाना हो सकती है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार तीनों आंतकवादियों का संबंध झारखंड के हजारीबाग, गढ़वा और लोहरदगा जिले से है. इसके पहले भी इसी साल जुलाई माह में इस्लामिक आंतकवाद से जुड़े रहने के आरोप में लोहरदगा से एक शख्स की गिरफ्तारी हुई थी. यदि इन तीनों को उसके साथ जोड़कर देखा जाय तो अब तक इस्लामिक स्टेट से जुड़े रहने के शक में झारखंड से कुल चार गिरफ्तारियां हो चुकी है.
नामचीन विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा के बाद आंतकवाद का जहर
चौंकने वाली खबर यह है कि सभी आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से तो आते ही हैं, लेकिन इसके साथ ही इनका प्रोफाईल भी काफी हाईटेक है. करीबन सभी आरोपियों ने देश के नामचीन विश्वविद्यालयों से इंजीनियरिंग की शिक्षा ली है. इनका परिवार भी दूसरे अल्पसंख्यक परिवारों की तुलना में काफी सुखी-संपन्न है.
यहां बता दें कि दिल्ली पुलिस की चंगुल में आये मो. शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा मूल रुप हजारीबाग के पेलावल थाना अंतर्गत पगमिल गांव का रहने वाला है. उज्जमा ने बेंगलुरु स्थित नामचीन इंजीनियरिंग कॉलेज विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से माइनिंग इंजीनियरिंग की है. उसके पिता भी एक शिक्षक रहे हैं, इस प्रकार उज्जमा का पूरा परिवार काफी सम्पन्न है. उज्जमा लम्बे वक्त से एनआईए की राडार पर था, एनआईए ने उस पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
दूसरा शख्स मोहम्मद रिजवान अशरद भी कंप्यूटर साइंस में बीटेक में है. इसने अपनी पूरी पढ़ाई अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से की है. मूल रुप से गढ़वा शहर के रॉकी मुहल्ले का रहने वाला रिजवान परिवार भी काफी सुखी सम्पन्न है, उज्जमा की तरह ही रिजवान के पिता भी एक शिक्षक हैं और वह भी सरकारी.
जबकि इसी वर्ष जुलाई माह एनआईए के हाथों चढ़ा फैजान अंसारी उर्फ फैज भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष का छात्र था. इसके पिता भी पिता सीएसएनएल में कार्यरत है.
चौथे शख्स के बारे में भी यह दावा किया जा रहा है कि उसका संबंध झारखंड से ही है, लेकिन उसके मूल स्थान के बारे में अभी कोई जानकारी प्राप्त नहीं है. लेकिन मूल सवाल यह है कि झारखंड के इन हाईटेक युवाओं में आंतकवाद का यह घातक नशा कैसे और क्यों चढ़ रहा है.
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