TNP DESK: लव जिहाद रोकथाम' का विधानसभा में मंजूरी मिलने के बाद, अब पूरे उत्तर प्रदेश में धोखे से या बलपूर्वक धर्मांतरण के मामलों में कानून और सजा की प्रक्रिया की मजबूती होगी. इस नए कानून के अनुसार, दोषियों को कड़ी सजा का भी प्रावधान है.
मतांतरण के मामलों में और सख्त होगा कानून
उत्तर प्रदेश में रहने वाली किसी महिला को प्यार के जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराकर उत्पीड़न की घटना, जिसे 'लव जिहाद' कहते हैं, के दोषियों को पहली बार जेल की सजा होगी. अवैध धर्मांतरण के गंभीर हादसों की रोकथाम के लिए सरकार ने कानूनी दायरा और सजा की अवधि बढ़ा दी है. यूपी विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन उत्तर प्रदेश धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया गया है, जिसे मंजूर कर दिया गया है.
क्या है लव जिहाद बिल
इस विधेयक के अंतर्गत अब यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उसके जीवन या संपत्ति के लिए धमकाता है, हमला करता है, विवाह या संपत्ति का वादा करता है या किसी प्रकार का षड्यंत्र करता है, या अपरिपक्व व्यक्ति की तस्करी करता है, तो उसके अपराध को सबसे गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा.
ये है सजा के प्रावधान
इस प्रकार के मामले में, आरोपी को कम से कम 20 वर्ष की कारावास या आजीवन कारावास तक की सजा व जुर्माने से दंडित किया जाएगा. न्यायालय पीड़ित के उपचार और पुनर्वास के लिए पैसे के रूप में जुर्माना तय कर सकता है. अब किसी भी व्यक्ति को अपराध के मामले में एफआईआर दर्ज करने की अनुमति है, जैसे कि गंभीर अपराधों के मामले. पहले, मतांतरण के पीड़ित व्यक्ति या उसके परिजनों या नजदीकी रिश्तेदारों के द्वारा ही एफआईआर दर्ज कराने का प्रक्रिया हुआ करती थी.
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