कैसे दोस्त बन गए दुश्मन? एक कॉल से गयी तीन जिंदगियां, बेंगलुरु से गोपालगंज तक मचा कोहराम

गोपालगंज(GOPALGANJ): बेंगलुरु में गोपालगंज के तीन लड़कों की निर्मम हत्या ने इलाके में सनसनी मचा दी है. ट्रिपल मर्डर का कातिल कोई और नहीं, बल्कि उनके अपने करीबी दोस्त निकले हैं, जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. हत्या के बाद माहौल गमगीन हो गया है. वहीं, बेंगलुरु से लेकर गोपालगंज के पिठौरी तक पुलिस आरोपियों की तलाश में खाक छान रही है. मंगलवार तक तीनों के शवों के पहुंचने की उम्मीद जतायी जा रही है.
क्या है ट्रिपल मर्डर की पूरी कहानी
लोगों का कहना है कि एक मामूली सी मोबाइल फोन की घंटी ने तीन जिंदगियां लील ली. सोमवार को मठ गौतम और पिठौरी गांव के लोगों ने कहा कि सभी एक साथ खेलते, हंसते और काम पर जाते थे. लेकिन अब घटना से पूरा गांव सन्नाटे में डूबा हुआ है. मठ गौतम व पिठौरी के तीन युवा लड़कों की बेंगलुरु में हुई हत्या ने सबको हिलाकर रख दिया है. दोस्तों के बीच का ये शातिर वारदात एक साधारण मोबाइल फोन की कॉल पर आधारित थी, और यह कॉल अब तक तीन जिंदगियों को लील चुकी है.
दीपू साह की हत्या से सदमा में डूबा परिवार, विदेश में हैं पिता
गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित भी इस घटना में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बेंगलुरु पुलिस की मदद करने की बात कही है, ताकि दोषियों की गिरफ्तारी हो सके और उन्हें कानून की सजा मिल सके. थावे थाने के मठगौतम गांव के रहनेवाले दीपू साह भी बेंगलुरु में काम करने गया था, जहां दोस्तों की खूनी साजिश का शिकार हो गया. दीपू साह के पिता ओमप्रकाश साह विदेश में हैं, उन्हें बेटे के दाह-संस्कार में शामिल होने के लिए कंपनी से छुट्टी तक नहीं मिली. इधर, दीपू की मां सुनीता देवी अपने जिगर के टुकड़े को खोकर चीख-चीखकर रो रही हैं. दीपू घर की खराब माली हालत के कारण बेंगलुरु काम करने गया था, लेकिन वहां उसके ही करीबी दोस्तों ने उसकी जान ले ली.
500 की दहाड़ी पर गया था अंशु, बहन की हाथ कैसे होगी पीली
मठ गौतम गांव से सटे पिठौरी गांव की ये तस्वीर है. द्वारिका राम के बेटे अंशु राम ने अपनी बहन की शादी के लिए 500 रुपये की दिहाड़ी पर बेंगलुरु में काम करने का फैसला लिया था, लेकिन उस दिन कुछ और ही हो गया. होली के दिन, अंशु राम का अपने दोस्तों के साथ विवाद हुआ और उसकी भी हत्या कर दी गयी. अंशु के पिता द्वारिका राम कहते हैं कि सारा सपना टूट गया. बेटी की शादी और मकान बनाने का सपना अधूरा रह गया. ये बात कहते हुए द्वारिका राम फफक पड़ते हैं. अंशु की मां सावित्री देवी बेसूद पड़ीं थीं. भाई जितेंद्र राम शव को लाने के लिए बेंगलुरु गया है.
एक भाई की हत्या, दूसरे पर हमला, अगले माह थी बहन की शादी
पिठौरी गांव के राधेश्याम यादव और उसका छोटा भाई बिबरल यादव भी बेंगलुरु में काम करते थे. राधेश्याम का अगले महीने अपनी बहन की शादी थी, लेकिन ये घटना ने उसके सपनों को भी छीन ले गया. उस दिन राधेश्याम का छोटा भाई बिबरल भी वहां मौजूद था, जिसे हमलावरों ने हमला किया, लेकिन वह किसी तरह बच निकला. बिरबल ने ही परिवार को फोन कर आपबीती बतायी. राधेश्याम के पिता रामाधार यादव ने बताया कि शव लाने के लिए मिथिलेश यादव गये हैं. बेटे की हत्या की खबर पाकर मालती देवी बार-बार बेहोश हो जा रही थीं.
दोस्ती, दुश्मनी में कैसे बदली, चर्चा में आयी ट्रिपल मर्डर की कहानी
पुलिस जांच में सामने आया है कि हमलावरों में पिठौरी गांव के बनारसी राम का पुत्र सोनू राम और उसका भांजा, गोपालपुर थाने के सेमरा बाजार के निवासी ब्यास राम का पुत्र सुधीर राम शामिल था. बताया जा रहा है कि सोनू के पास एक लड़की का कॉल आया था, जिसे मृतकों ने उठा लिया था. इस मामूली विवाद ने दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया और एक-एक करके तीन दोस्तों की हत्या कर दी गयी. इनके तीनों के साथ मौजूद चाथे सख्श बीरबल को भी मारने का प्रयास किया गया, लेकिन व मरा होने का नाटक कर लिया, इसलिए उसे छोड़कर सभी फरार हो गये. अब सवाल उठता है कि वह लड़की कौन थी, जिसकी कॉल ने तीन दोस्तों की जान ले ली? बचपन की दोस्ती कैसे हत्या का रूप ले सकती थी? हत्यारों की गिरफ्तारी कब होगी? और इन मां-बाप के सपनों को चुराने वाले ये अपराधी आखिर कब पकड़े जाएंगे? गोपालगंज और बेंगलुरु में चल रही ट्रिपल मर्डर की कहानी अब सबकी जुबां पर है. इंतजार है इस चर्चित हत्याकांडों की खुलासे की.
बेंगलुरु पुलिस की मदद करेगी पुलिस:एसपी
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने कहा कि ये मामला बेंगलुरु पुलिस का है, लेकिन गोपालगंज पुलिस भी इसकी जांच में सहयोग कर रही है. आरोपी सोनू राम और सुधीर राम की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है, लेकिन सभी घर छोड़कर फरार हैं.
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