गिरिडीह(GIRIDIH): गिरिडीह के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओर पोकसो के विशेष न्यायाधीश यशवंत प्रकाश की कोर्ट ने पांच साल पहले नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी कैलाश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. मामला गिरिडीह के सरिया थाना के चिचाकी गांव से जुड़ा हुआ है. जहां पांच साल बाद सोमवार को आए इस फैसले में सरकारी वकील सुधीर कुमार और बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुशील दास ने पैरवी की थी. इस न बचाव पक्ष के वकील के कम सजा की अपील को मानने से भी कोर्ट ने इंकार कर दिया. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की 4 में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही आरोपी द्वारा जुर्माना नहीं देने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाया गया है.
दूसरे आरोपी का बाल न्यायालय में चल रहा मामला
हालाकि इसी मामले के एक आरोपी मनीष महतो के नाबालिग होने के कारण यह मामला बाल न्यायालय यानी जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रहा है. लिहाजा, जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड ही मनीष महतो पर किसी भी दिन फैसला सुना सकती है. मामले में पीड़िता की मां और पिता समेत नो लोगों की गवाही सी गई है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि नाबालिग के साथ दो आरोपियों द्वारा दुष्कर्म का यह मामला गिरिडीह के सरिया थाना के चिचाकी गांव से जुड़ा हुआ है. मामले में खुद पीड़िता ने सरिया थाना में पांच साल पहले 14 नवंबर 2018 को आवेदन देकर अपनी केस दर्ज कराई थी. महिला ने आवेदन में कहा था कि उसी के गांव के आरोपी कैलाश कमार पिछले कई दिनों से उसके पीछे पड़ा हुआ था. किसी से उसका नंबर लेकर उसे परेशान तक किया करता था. इसी क्रम में 12 नवंबर की शाम आरोपी कैलाश कमार ने उसे फोन कर आने को कहा. आरोपी के कहने पर पीड़िता पहुंची भी. इसके बाद आरोपी कैलाश ने पीड़िता को नया मोबाइल और पैसा का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म किया. साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद आरोपी कैलाश कमार ने खुद कुछ देर में आने की बात कह कर पीड़िता को अपने दोस्त मनीष महतो के साथ पीड़िता को भेज दिया. इसके दूसरा आरोपी मनीष ने भी पीड़िता को एक कमरे में बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया. जबकि दूसरे दिन सुबह चिचाकि गांव निवासी और मुख्य आरोपी कैलाश जब कमरे में आए तो पीड़िता और उसे अपने साथ गांव में एक भीड़भाड़ वाले स्थान पर छोड़ कर फरार हो गए. इसके बाद पीड़िता ने अपने गांव के आरोपी कैलाश समेत मनीष महतो के खिलाफ सरिया थाना में केस दर्ज कराई.
केस दर्ज कराने के बाद ही स्थानिय पुलिस हरकत में आते हुए जांच शुरू किया. और दोनो आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था. इधर पांच साल बाद जब बेटी को कोर्ट द्वारा इंसाफ मिला तो पीड़िता के परिजनों ने पोक्सो के विशेष न्यायाधीश के समक्ष रोते हुए धन्यवाद दी.
रिपोर्ट. दिनेश कुमार
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