रांची(RANCHI): गैंगेस्टर अनिल शर्मा को हार्ट अटैक के बाद सेंट्रल जेल हजारीबाग से रांची रिम्स में भर्ती कराया गया है. जेल में बंद एक कैदी भोमा सिंह की हत्या में पिछले 20 साल से आजीवन सजा काट रहे है. अनिल शर्मा को बुधवार सुबह सीने में दर्द के बाद हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्तिथि को गंभीर देखते हुए उसे रिम्स रेफर कर दिया.रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में उसकी जांच की गई और फिर इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
2008 में इलाज के दौरान भाग निकला था अनिल
गैंगस्टर के भर्ती होने के बाद रिम्स में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.किसी तरह की चूक ना हो इसका पुलिस प्रशासन पूरा ख्याल रख रहा है.क्योंकि उसका रिम्स से भागने का इतिहास रहा है. “23 मई, 2008 को शर्मा को रिम्स में भर्ती कराया गया था.लेकिन इलाज के दौरान वह न्यायिक हिरासत से फरार हो गया था.गैंगस्टर के फरार होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. वरीय पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा में तैनात पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.
दुमका जेल में गैंगवार की आशंका पर हजारीबाग किया गया शिफ्ट
रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में एक भोमा सिंह की हत्या के लिए शर्मा को लगभग 20 साल पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.जहां वह कई आपराधिक मामलों में न्यायिक हिरासत में था.एक बार उन्हें हजारीबाग से दुमका जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था.लेकिन दुमका जेल में गैंगवार होने का आसंका जेल अधिकारियों हुआ.जिसके बाद उसे वापस हजारीबाग जेल शिफ्ट कर दिया गया था.पिछले दो साल से वह हजारीबाग जेल में ही बंद है.
कोर्ट से दो बार मिल चुकी है पेरोल
आजीवन कारावास के दौरान ही अनिल शर्मा की मां और पिता की मृत्यु हो गई.इस दौरान मां और पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोर्ट से उसे पेरोल पर बेल दी गई.जिसके बाद वह पिता और मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ था.इस पेरोल पर जब वह जेल से बाहर आया था तब कड़ी सुरक्षा के इंतेजाम किये गए थे.
4+