रांची(RANCHI): झारखंड की राजधानी रांची अब अपराध की राजधानी के रूप में जानी जा रही है. अपराधी बेखौफ है, खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहे है. अब तो पुलिस भी अपराधियों के निशाने पर है. ऐसे में सवाल खड़ा होने लगा है कि आखिर राजधानी में अपराधी बेलगाम कैसे हुए. इतनी खून की नदियां रांची में क्यों बह रही है. यही सवाल राज्य के DGP ने भी सभी थानेदारों से पूछा है. अगर देखें तो रांची शहर में अधिकतर हत्या जमीन विवाद में होती है. सवालों के घेरे में संबंधित थाना के प्रभारी भी आते है.
जमीन विवाद में होती है हत्या
रांची ही नहीं पूरे झारखंड के किसी भी थाना में भीड़ देखने को मिलती है. यह भीड़ में सबसे ज्यादा लोग जमीन विवाद लेकर थाना पहुंचते है. कई बार तो पुलिस पर आरोप लगा कि जबरन जमीन पर कब्जा कराने का काम कर रहे है. बावजूद इन सब के उनका काम जारी रहता है. थाना में जमीन विवाद का मामला पहुंचने पर उसे अंचल कार्यालय ना भेज कर खुद सुलझाने की कवायद शुरू कर दी जाती है. जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल जाता है.अधिकतर मामले जमीन से जुड़े हुए सामने आते है.
DGP को भी मिली शिकायत जमीन के मामले में लिप्त रहते है दरोगा
हाल के दिनों में कई ऐसी घटना हुई, जिससे रांची शहर कांप उठा है. चाहे CPIM नेता सुभाष मुंडा की करे या अधिवक्ता हत्या या फिर दरोगा अनुपम की सभी में घूम फिर कर जमीन से जुड़ा मामला सामने आता है. हालांकि दारोगा और अधिवक्ता के मामले में अभी अनुसंधान जारी है. लेकिन डीजीपी के बयान से शक जमीन विवाद की ओर ही कर रहा है. राज्य के DGP ने सभी पुलिसकर्मियों को जमीन विवाद और जमीन से जुड़े मामल से खुद को दूर रखने की हिदायत दी है. DGP ने सख्त लहजे में पुलिसकर्मियों को हिदायत दी है कि अगर जमीन के मामले में संलिप्ता की शिकायत मिली तो थाना में रहने लायक नहीं छोड़ेंगे.
अपराधी को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस तो शुरू हो गई गोली बारी
अब अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस पहुंच रही है तो पुलिस पर गोलियां बरसा रहे है. अनगड़ा में अपराधियों के छिपे होने की सूचना मिली. जब पुलिस की टीम वहां पहुंची तो फिर अपराधियों के साथ मुठभेड़ हुई. पुलिस को करीब आता देख अपराधियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है.
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