पीडीएस कारोबारी रंजीत हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, रंगदारी मामले में एक गिरफ्तार


धनबाद(DHANBAD) - झरिया के रंजीत साव हत्याकांड का खुलासा करने का रविवार को एसएसपी संजीव कुमार ने दावा किया. उन्होंने बताया कि रंजीत साहू हत्याकांड की रूपरेखा धनबाद जेल में ही बनी थी. 30 अप्रैल को दुकान में घुसकर उनकी दो अपराधियो ने दिनदहाड़े हत्या कर दी थी. एसएसपी के अनुसार धनबाद जेल में पीडीएस के कारोबारी विजय गर्ग बंद था, वही उसका संपर्क भोलू यादव से हुआ और अग्रिम के रूप में एक लाख देकर हत्याकांड को अंजाम देने की पृष्ठभूमि तैयार की गई.
पीडीएस का कारोबार
रंजीत साव का भी अपना पीडीएस का कारोबार था. विजय गर्ग को लग रहा था कि रंजीत साव अगर उसके रास्ते से हट जाए तो वह बड़ा कारोबारी बन जाएगा. उसके बाद बाहर से अपराधियों को बुलाकर रंजीत साव की हत्या करा दी गई और इसके एवज में भुगतान भी किया गया. एसएसपी के अनुसार रंजीत साव की हत्या करने वाले बाहर के हैं और लोकल लिंक ने उन्हें बोकारो तक पहुंचाया और उसके बाद इलाका छोड़ दिए. अभी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन पुलिस उनके पीछे लगी हुई है. एसएसपी ने बताया कि इस हत्याकांड और लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी खोजबीन चल रही है.
रंगदारी की मांग
इसके अलावा उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार अग्रवाल नाम के हिंदुस्तान लीबर के एजेंट को छोटू सिंह के नाम पर धमकी दी जा रही थी. उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में बिरजू गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है. बिरजू ही छोटू सिंह के नाम पर रंगदारी मांगता था. एस एसपी ने बताया कि छोटू सिंह एक अपराधी है. जिसके खिलाफ धनबाद में मुकदमे दर्ज हैं. लेकिन छोटू सिंह के नाम पर रंगदारी मांगने वाले कौन लोग हैं, खोजबीन चल रही है. अमन सिंह गिरोह से इनका संबंध है या नहीं,इसकी जांच पुलिस कर रही है. एसएसपी ने दुहराया कि कोई भी अपराधी बच नहीं सकता है. धनबाद की पुलिस यूपी,बंगाल,दिल्ली आदि राज्यों से अपराधियों को खींच कर ला रही है और सलाखों के भीतर भेज रही है. उन्होंने कहा कि कोई अपराधी बचेगा नहीं, पुलिस उसे हर हाल में गिरफ्तार करेगी.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह, धनबाद
4+