टीएनपी डेस्क(TNP DESK):- 2019 में मोदी सरकार ने नोटबादी की थी, इस दौरान ही 2000 रुपए के नोट जारी किए थे. अभी इस नोट का प्रचलन बंद करने जा रही है. सभी 2000 के नोट वापस कर रहें हैं. नोटबंदी के दौरान ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के करीब 90 हजार करोड़ मूल्य के नोट बिहार-झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय को दिए थे. अब 2000 के नोटों का प्रचलन बंद कर दिया गया है , बाजार में बड़े नोट की वापसी हो रही है. लेकिन, चौकाने वाली बात ये है कि जितने नोट वापस होने चाहिए थे, उतने वापस नहीं हुए हैं. जारी किए गये नोटों की तुलना में कम नोट की वापसी हुई है .
कम वापस हो रहे 2000 के नोट
2000 के नोटों की वापसी की रफ्तार इतनी कम है कि , लगता है कि वापसी की मियाद खत्म होते-होते इसकी रिकवरी जारी किए गये नोटों की तुलना में बेहद कम होगी . बताया जा रहा है कि अभी तक सिर्फ पांच-छह हजार करोड़ मूल्य के ही नोट बैंकों में वापस आए हैं. लगभग 80-85 हजार करोड़ मूल्य के 2000 के नोटों का कोई अता पता नहीं चल सका है. हालांकि, इसके पीछे वजह ये भी बतायी जा रही है कि, काफी रकम घूस में खपायी गई होगी, समय-समय पर ईडी-आईटी के छापे में काफी रकम पकडी भी जाती रही है. ईडी और आईटी की जब्ती में नोटो के बारे में पता चल सकता है. दूसरा पहलू ये भी सामने आ रहा है कि बिहार-झारखंड के लिए जारी इन नोटों को देश के दूसरे हिस्से में खपा दिया गया होगा, इसके चलते भी ये सामने नहीं आ रहें हैं.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 2000 के नोट जून तक 85 प्रतिशत बैंकों में वापस आ गए हैं. जुलाई के आखिर तक इसमे बढोत्तरी हो सकती है. आम लोग एक्सचेंज की बजाए बैंकों में जमा करने की ज्यादा तरजीह दे रहें हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 9 मई को 2000 रुपए के नोट की वापसी का एलान किया था, 2000 के नोट 30 सितंबर तक बदले जा सकेंगे.
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