टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-नवरात्र के खत्म होने के बाद प्याज का दाम लगता है कि फिर आसमान छूने की तैयारी में हैं. आमूमन देवी दुर्गा के अराधना के वक्त ज्यादातर परिवार नवरात्र के वक्त प्याज, लहसून नहीं खाते हैं . लिहाजा, इस दौरान प्याज की कीमते स्थिर रहती है, क्योंकि इसकी मांग उतनी नहीं रहती. लेकिन, नवरात्र खत्म होने के बाद इसकी खपत में इजाफा हो जाता है. मांस, मछली, मटन जैसे तामसिक भोजन में प्याज का बहुतायात मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है. पिछले दो दिन में ये 10 रुपया महंगा हो चुका है.
अधिकत्तर शहरों में महंगा बिक रहा प्याज
प्याज की कीमत में जोरदार इजाफा नवरात्र के बाद देखने को मिला, अधिकत्तर शहरों में 50 रुपये तक आमूमन पहुंच ही गया है. उपभोक्ता मत्रांलय की वेबसाइट में अधिकत्तम खुदरा कीमत 70 और न्यूनतम 17 रुपए किलो है. अभी त्योहारी मौसम में इसके रेट घटने की गुंजाइंश नहीं बतायी जा र ही है. दरअसल, इसके पीछे वजह मांग की अपेक्षा कम प्याज है. बताया जा रहा है कि किल्लत की वजह ये भी है कि बैंगलुरु का प्याज दिल्ली नहीं पहुंच रहा है, वहां फसल खराब हो गई है. अभी नासिक और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में प्याज आ रही है. अगले महीने नवंबर से अलवर का प्याज दिल्ली आने लगेगा. लिहाजा, थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद उपभोक्ता कर रहे हैं.
दिल्ली में 60 रुपए किलो प्याज
बताया जा रहा है कि प्याज इस कदर रुला रहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 60 रुपए किलो बिक रहा है. हालांकि, दिल्ली, त्रिपुरा,हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में इसकी औसत कीमत 40 रुपए है. दूसरी और नागालैंड , सिक्किम मे 50 रुपए, तो मिजोरम और अंडमान निकोबार में 55 रुपए तक प्याज पहुंच गया है. अगर जोन के हिसाब से बात करें, तो 24 अक्टूबर के आंकड़े के मुताबिक उत्तर क्षेत्र में एक किलो प्याज का औसत खुदरा भाव 35.56 रुपये है. वही, पूर्वी क्षेत्र में प्याज का औसत भाव 34.93 रुपए प्रति किलो है. तो वही पूर्वोत्तर में 48.31 है. दक्षिण क्षेत्र में प्याज का औसत रेट 41.90 रुपए किलो बिक रहा है.
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