पटना(PATNA): लम्बे अर्से से अपने विवादित बयानों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार को निशाने पर लेते रहे पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को आखिरकार राजद की ओर से कारण बताओ नोटिस थमा ही दिया गया. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का दिशा निर्देश मिलते ही राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दकी की ओर से यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि इस कारण बताओ नोटिस में सुधाकर सिंह पर महागठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लघंन करने और राजद की भावनाओं को आहत करने का आरोप है. फिलहाल राजद की ओर से इस नोटिस पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है.
सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए जोर लगा रहा था जदयू
आपको यह बता दें कि जदयू की ओर से सुधाकर सिंह के बयानों को लेकर कड़ी आपत्ति की जा रही थी, और राजद से सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही थी. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने तो इसके लिए खरमास तक का डेड लाइन भी तय कर दिया था. और अब खरमास गुजरते ही जदयू की मांग का असर दिखने लगा है.
सुधाकर सिंह पर कार्रवाई से भाजपा में बेचैनी
इधऱ सुधाकर सिंह के विरुद्ध की गई कार्रवाई से भाजपा में बेचैनी देखी जा रही है, भाजपा प्रवक्ता अरबिंद सिंह ने कहा कि सिर्फ सुधाकर सिंह के विरुद्ध कार्रवाई क्यों? हिन्दू जनभावनओं के खिलाफ प्रोफेसर चन्द्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं? भाजपा के द्वारा शिवानंद तिवारी और भाई बिरेंद्र जैसे नेताओं पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
महागठबंधन की सरकार में मंत्री बनने को उत्सुक नहीं थे सुधाकर सिंह
बता दें कि महागठबंधन की सरकार में राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था. बताया जाता है कि सुधाकर सिंह नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल होने को उत्सुक नहीं थे. लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद सुधाकर सिंह ने मंत्री बनना तो स्वीकार कर लिया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी सोच और राजनीति को नहीं बदला. मंत्री बनते ही अपने बयानों से वह नीतीश कुमार को असहज स्थिति में लाते रहें, इसके कारण सरकार बनने के चंद दिनों के अन्दर ही सरकार की फजीहत होने लगी. इस परिस्थिति में राजद सुप्रीमो के संकेत के बाद सुधाकर सिंह के द्वारा मंत्रिमडल से अपना इस्तीफा दे दिया गया. लेकिन उसके बाद भी सुधाकर सिंह के निशाने पर नीतीश कुमार बने रहें.
सुधाकर सिंह के बयानों से “गुड फील” महसूस कर रही थी भाजपा
सुधाकर सिंह के इस तेवर से भाजपा आनन्द में थी. उसे सरकार के अदंर ही सरकार को घेरने वाला मिल गया था. सरकार से बाहर होने के बाद सुधाकर सिंह के बयानों में वह धार तो नहीं रही थी, लेकिन सीएम नीतीश के सामने असहज स्थिति तो पैदा हो ही रही थी. अब जब राजद की ओर से सुधाकर सिंह को नोटिस मिल गया, नोटिस के बाद संभवत: उनका पार्टी से निष्कासन भी हो सकता है. तो यह भाजपा को नागवार गुजर रहा है.
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं सुधाकर सिंह
यहां यह भी बता दें कि सुधाकर सिंह भाजपा की टिकट पर विधान सभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, यह बात और है कि इन्हे हार का मजा चखाने के लिए खुद जगदानंद सिंह ने मोर्चा संभाला था. और इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. माना जाता है कि आज भी सुधाकर सिंह राजद में रहकर भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. यही भाजपा की बेचैनी का कारण है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार, रांची
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