पटना(PATNA): बढ़ती सर्दी में बिहार का सियासी तापमान लगातार चढ़ता ही जा रहा. एक के बाद एक सरकार पर हमले होते ही जा रहे. सरकार के कार्यों को लेकर पूर्व में जीतन राम मांझी ने जहां हमला किया था वहीं अब भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी बिहार सरकार के कार्यों पर सवाल उठाया है. बकौल दीपांकर बिहार में सरकार तो चल रही है पर नौजवान निराश हो रहे हैं. उनके आर्थिक उन्नति के लिए सरकार उदासीन दिख रही है साथ ही पुलिस की मनमानी और अत्याचार पर लगाम लगाने की बात कही. समस्तीपुर दरभंगा सहित अन्य घटनाओं को लेकर दीपांकर ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए. साथ ही कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इसी ढंग से सरकार मनमानी करती रही तो गोपालगंज की तरह आनेवाले उपचुनावों में सरकार को निराश होना पड़ेगा.
दीपांकर के इस तरह सरकार पर आक्रमक होने के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है . सत्ता के गलियारे से पक्ष विपक्ष अपने अपने टिप्पणी से मामले को हवा दे रहे हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव ने क्या कहा
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव ने इस मामले पर दीपांकर के समर्थन में कहा कि वे बिल्कुल सही कह रहे हैं. इस सरकार से न तो जनता खुश है न ही जनप्रतिनिधि केवल कुछ लोग ही खुश हैं. नीतीश कुमार की सरकर में केवल लूट मची हुई है. नीतीश किसी की सुनते नहीं और तेजस्वी को कुछ पता नहीं और सवाल उठाने वाले को रसातल भेज दिया जाता है. ये सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली जल्द ही जनता अपना निर्णय देगी.
कॉंग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने ये कहा
वहीं कांग्रेस इस मामले पर लीपापोती करती दिख रही. दीपांकर भट्टाचार्य के सवालों पर कॉंग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि मामला कुछ और ही है जो दिख रहा वो है नहीं. यदि माले महासचिव को कोई शिकायत है तो मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री से मिलकर समाधान निकालना चाहिए इस प्रकार सवाल खड़े करने से काम नहीं चलेगा. सरकार में कमियां कहां है ये तो सरकार को बताना चाहिए और मिलकर समाधान ढूंढना चाहिए .
जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने की टिप्पणी
इस मामले में जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि हार का ठीकरा किसी एक पर नहीं फोड़ना चाहिए. यदि कमियां है तो उसे बातचीत से हल किया जाए न कि मीडिया मे बयानबाजी की जाए . हम जनादेश का सम्मान करते है .
RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का बयान
आर जे डी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी मामले को आड़े हाथों लेते हुए सरकार पक्ष का बचाव करते हुए कहा कि महागठबंधन को जनता ने कम समय में ही ज्यादा समर्थन दिया है. भले ही हम मोकामा और गोपालगंज हार गए परंतु बहुत ही कम वोटों के अंतर पर हारें हैं पर जनता का अशीर्वाद हमें मिला है जिसका प्रमाण जनता का बढ़ता समर्थन है. तेजस्वी के नेतृत्व में नौजवानों में खुशहाली लाई है तथा दोनों सीटों पर पहले की अपेक्षा ज्यादा समर्थन इस बात का प्रमाण है. सरकार युवकों और प्रदेश के लिए अच्छा काम कर रही .
बताते चलें कि माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने उपचुनावों मे हार का जिम्मेदार सरकार को मानते हुए कई मामलों पर टिप्पणी करते हुए नीतीश सरकार को जागने की नसीहत दे डाली. वहीं कॉंग्रेस मकहमे में इस बात की खबर है कि मामला जितना साधारण दिख रहा उतना है नहीं. इस बयान के पीछे का गणित कुछ और ही है . इधर सरकार पक्ष के बचाव मे भी बयानों का कारवां बढ़ता ही जा रहा. भविष्य में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठेगा इसका तो पता नहीं पर अभी बिहार का सियासी समीकरण बिगड़ता ही नजर आ रहा .
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