पटना (PATNA) : बिहार में शिक्षक नियुक्ति का मुद्दा काफी समय से उठता रहा है. कई दफे सातवीं चरण के अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति को लेकर पटना की सड़कों पर आवाज़ उठा चुके हैं. वहीं बिहार के कई जिलों से हजारों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे हैं. अभ्यर्थी सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. आज बजट सत्र के दौरान शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे. इसे लेकर शिक्षक अभ्यर्थी गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहा होते हुए विधानसभा तक के लिए निकले जहाँ पुलिस ने उन्हें डाक बंगला चौराहे पर ही रोक दिया. चौराहा पर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी जुट गए हैं और नारेबाजी करने लगे.
अभ्यर्थियों की जेनवीन डिमांड - नवल किशोर यादव
शिक्षक नियुक्ति को लेकर अब विपक्ष भी सामने आ गई है. भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा है कि अभियर्थियों की जिनेविन डिमांड है. राज्य सरकार को उनकी नियुक्ति के बारे में सोचना चाहिए. ये सरकार सिर्फ स्वप्न दिखा कर स्वप्न को बेचने का काम करती है.
छात्रों का आंदोलन करना व्यर्थ- चंद्रशेखर
उधर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने शिक्षक अभियर्थियों के नियुक्ति के मुद्दे पर कहा कि शिक्षक नियोजन नीति प्रक्रियाधीन है और जल्द से जल्द नियुक्ति होने वाली है. रोजगार के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि दो करोड़ प्रतिवर्ष रोज़गार का वादा करने वालो से भी सवाल पूछना चाहिए शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों का आंदोलन करना व्यर्थ है.
सरकार पर सवाल
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम ने ऐलान किया था कि बिहार के युवाओं को लाखों में रोजगार मिलेगा. लेकिन शिक्षकों के नियुक्ति में विलंब कही न कही सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है. अब देखना होगा कि आंदोलन कर रहे युवाओं को रोजगार कब मिलता है.
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