हाजीपुर(HAJIPUR): बिहार का डंका अब विदेशों में भी बज रहा है. जिस बिहार को लोग इस बात से बदनाम करते है कि यहां के मजदूर विदेशों और अन्य राज्यों में जाकर मजदूरी करते है.अब उसी बिहार में बन रहे जूते विदेशी देश के सैनिक पहनकर जंग के मैदान में उतर रहे है. ये बिहार के लिए बड़ी ही गर्व की बात है. बिहार का जो हाजीपुर जिला अब तक केले के लिए विश्व प्रसिद्ध था, क्योंकि यहां केले की ऊपज वृहद पैमाने पर की जाती है. यही हाजीपुर अब देश विदेशों में अपनी अलग एक पहचान बना रहा है. जहां अब कारखाने में रूसी सैनिक के लिए जूते का निर्माण किया जा रहा है. जिस जूता का उपयोग रूसी सैनिक यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई के मैदान में इस्तेमाल कर रहे हैं. उसक निर्माण बिहार में हो रहा है.
ये है हाजीपुर में बननेवाले जूतों की खासियत
इन जूतों को हाजीपुर में स्थित कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट एक निजी लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है. इस कंपनी को 2018 में स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए खोला गया था. कंपनी के महाप्रबंधक शिब कुमार रॉय के मुताबिक अभी जो कंपनी में जूते का निर्माण हो रहा है. वह जूता रूसी सैनिक के लिए किया जा रहा है लेकिन बहुत जल्दी स्थानीय बाजार में भी यह जूता दिखने लगेगा. रूसी सेना के लिए सुरक्षा के लिए तैयार किया जाने बाले जूते की बहुत सारी खासियत है. इन जूते की खासियत को बताते हुए कंपनी के मैनेजर ने कहा कि रुसी सैनिकों की जरूरत है की जूते हल्के हों, फिसलन रोक सकें, तलवे खास होने चाहिए और -40 डिग्री सेल्सियस जैसी मौसम की स्थिति का सामना करने वाले हों. इन सभी बातों का ध्यान रखकर जूते का निर्माण हाजीपुर में कराया जाता है.
पिछले साल कंपनी ने 100 करोड़ का धंधा किया था
मैनेजर के मुताबिक धीरे-धीरे यूरोप के लिए भी जूते का निर्माण कराया जाएगा. मैनेजर ने कहा कि कंपनी का रिस्पांस अच्छा है और रूस के निर्माता में एक नंबर स्थान भी है. इस पूरे कंपनी में 200 कर्मचारी काम करते हैं।.जिसमें 70% कर्मचारी महिला है.पिछले साल कंपनी ने 100 करोड़ का धंधा किया था, जिसमें 1.5 मिलियन जोड़ी जूता का निर्माण कंपनी के द्वारा किया गया था. हाजीपुर की यह कंपनी यूरोपीय बाजारों जैसे इटली, फ्रांस, स्पेन और यूके को लक्जरी डिजाइनर या फैशन जूते भी निर्यात करती है. कंपनी के फैशन विकास और विपणन प्रमुख मजहर पल्लुमैया ने कहा कि हमारा उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के लिए हाई कटेगरी के जूते तैयार करना है. हमने हाल ही में एक बेल्जियम कंपनी के साथ बातचीत शुरू की है, और अगले महीने महीने कुछ कंपनियां हमारे कारखाने का दौरा करेंगी हाजीपुर में फैशन उद्योग शुरू करना एक चुनौती है.
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