पटना (PATNA): काफी अर्से के बाद राजधानी पटना पूरी तरह लाल झंडों से पटा दिखाई दे रहा है, शहर का हर गली-चौराहा लाल झंडों से पटा पड़ा है और इसका कारण है कृष्ण मेमोरियल हॉल में सीपीआइ एमएल का पांच दिवसीय महाधिवेशन. दावा किया जा रहा है कि इस महाधिवेशन में बिहार सहित पूरे देश से लाल झंडाधारियों का जुटान हुआ है.
भाजपा को 100 का आंकड़ा का पार करने में भी मुश्किल खड़ी हो जायेगी
सीपीआइ एमएल के इसी महाधिवेशन को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा सियासी बयान दिया है, अपनी छवि के विपरीत नीतीश कुमार ने दावा कर दिया है कि यदि विपक्ष की सारी पार्टियां 2024 में एक साथ मिलकर मैदान में उतरती है तो भाजपा को 100 का आंकड़ा का पार करने में भी मुश्किल खड़ी हो जायेगी. लेकिन यदि मेरी सुझाव पर अमल नहीं किया गया तो क्या होगा इसकी जानकारी आप सबों को भी है.
ड्राइविंग सीट पर क्षेत्रीय दलों को बिठाने की मांग
इसके बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी पीछे नहीं रहें और लगे हाथ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की उपस्थिति में कांग्रेस को यह सलाद दे डाली कि ड्राइविंग सीट पर क्षेत्रीय दलों को बगैर बिठाये कांग्रेस भाजपा के इस रथ को रोकने में कामयाब नहीं होने वाली है. अपनी बात को और भी साफ करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जहां कांग्रेस मजबूत है, भाजपा को सीधी टक्कर दे सकती है, वह खुद ही ड्राइविंग सीट पर बैठें, लेकिन जहां उसकी स्थिति कमजोर है, वह ड्राइविंग सीट पर क्षेत्रीय दलों को बिठाये.
क्या तेजस्वी का इशारा पीएम पद के लिए चेहरे को लेकर भी है
साफ है कि इस बयान के कई अर्थ और राजनीतिक संकेत निकाले जा सकते हैं, क्या तेजस्वी यादव की नसीहत सिर्फ क्षेत्रीय दलों से तालमेल बिठाने की है. या पीएम पद के चेहरे को लेकर भी इस बयान में कोई संकेत छुपा हुआ है, क्या तेजस्वी की मंशा किसी क्षेत्रीय दल के नेता को पीएम पद का चेहरा बनाने की है. क्योंकि जिस प्रकार नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि यदि मेरा सुझाव नहीं माना गया तो क्या होगा आप सबों को पता है, साफ है कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार दोनों ही संकेतों में ही सही कांग्रेस कुछ समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
रिपोर्ट: देवेंद्र कुमार
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