पटना(PATNA): नए साल में बिहार की सियासत में यात्राओं को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ने के आसार हैं. दरअसल बिहार में यात्रा पर सियासत शुरू होने वाली है, जिसे लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जनता का नब्ज टटोलने की क़वायद भी मानी जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर एक नई यात्रा पर निकलने की तैयारी में हैं.
मिशन 2024 को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गम्भीर हैं. खरमास बाद नीतीश कुमार अपने मिशन 2024 की शुरुआत बिहार से ही करने वाले हैं. 14 जनवरी के बाद नीतीश कुमार यात्रा पर निकलने वाले हैं. मकसद सरकारी योजनाओं की हकीकत, अपने घटते जनाधार और लोकप्रियता को बढाने के साथ साथ 2024 के पहले जनता का नब्ज टटोलना है.
नीतीश कर चुके हैं ये सभी यात्रा
नीतीश कुमार की यह तेरहवीं यात्रा है. इसके पहले बिहार में नीतीश कुमार 12 यात्रा कर चुके हैं. 2005 में न्याय यात्रा, 2009 जनवरी में विकास यात्रा, जून 2009 में धन्यवाद यात्रा, सितंबर 2009 में प्रवास यात्रा, अप्रैल 2010 में विश्वास यात्रा, 9 नवंबर 2011 में राज्य यात्रा, सितंबर 2012 में अधिकार यात्रा, मार्च 2014 में संकल्प यात्रा, नवंबर 2014 मे संपर्क यात्रा, नवंबर 2016 में निश्चय यात्रा, दिसंबर 2017 में समीक्षा यात्रा, दिसंबर 2019 में जल-जीवन-हरियाली यात्रा, 2021 में समाज सुधार यात्रा और अब उनकी यात्रा फिर से एक नया संदेश देगी. वैसे नीतीश कुमार के इस नए यात्रा पर उनकी सहयोगी पार्टी राजद ही सवाल खड़ा कर रही है.
यात्रा के बहाने जदयू की जमीन मजबूत करने की योजना
कुढ़नी और गोपालगंज में मिली हार और मोकामा में भाजपा का वोट बढने के पीछे एक बड़ा कारण अति पिछड़ा वोटों का जदयू से खिसकना माना गया. मोकामा हो या कुढ़नी दोनों जगहों पर धानुक जैसे अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं ने भाजपा का साथ दिया. अब तक इस वर्ग को नीतीश कुमार का सबसे बड़ा वोट बैंक माना जाता था. नीतीश कुमार भी इसे महसूस कर रहे होंगे. इसलिए उन्होंने यात्रा के बहाने जदयू की जमीन मजबूत करने की योजना बनाई है.
नीतीश के यात्रा की बीजेपी खोलेगी पोल
नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि उनका मकसद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता में वापसी नहीं करने देना है. उनका यह सपना तभी साकार होगा जब नीतीश की जदयू को बिहार को बड़ी सफलता मिले. ऐसे में नीतीश की यह यात्रा जदयू और महागठबंधन सरकार की छवि को बेहतर करने की अहम भूमिका निभा सकती है. इतना ही नहीं इसी बहाने नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव के पहले राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों में जनता का मिजाज भी जान सकेंगे. वैसे बीजेपी ने यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा है की जहाँ जहाँ यात्रा होगी उसके बाद वहाँ वहाँ जाकर नीतीश कुमार का पोल खोलेगें.
नीतीश की यात्रा बेहद खास
नीतीश कुमार की इस बार की यात्रा बेहद खास मानी जा रही है. इसका बड़ा कारण वर्ष 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव है जिसमें जदयू की कोशिश महागठबंधन को बिहार के ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाना है.
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