टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : साल 2023 बस खत्म होने ही वाला है, और साल के खत्म होते ही लोकसभा की जंग शुरू हो जाएगी. इसी के मद्देनजर एनडीए औऱ इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियां चुनावी मोड में लगभग आ चुकी है. जहां एक तरफ बीजेपी श्रीराम के सहारे चुनाव मैदान में उतरने की कोशिश कर रही है. तो वहीं सीएम नीतीश कुमार भी मां सीता को आगे कर चुनाव में मतदाताओं को अपनी औऱ रिझाने की कोशिश कर रही है.
दरअसल सीएम नीतीश ने बिहार के सीतामढ़ी के पुनौरधाम मंदिर परिसर के विकास कार्य का शिलान्यास किया है. इसके साथ ही सीएम ने मुख्यमंत्री ने पुनौरधाम औऱ सीताकुंड का जायजा लिया. साथ ही विकास कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का भी निर्देश दिया. वहीं दूसरी तरफ नजर डाले तो 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होगा. जिसमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. इससे साफ है कि इस बार की चुनाव में बीजेपी श्री राम तो नीतीश कुमार मां सीता के सहारे चुनावी मैदान में लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि नीतीश कुमार लगभग 18 साल बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर रहे. लेकिन इन 18 सालों में उन्हें कभी मां सीता की पुनौर धाम की याद नहीं आई. औऱ जब राम मंदिर का लोकार्पण होने वाला है तब ही पुनौर धाम का शिलान्यास किया जा रहा है. ऐसे में यह कहना लाजमी होगा की जेडीयू की नजर इस बार हिंदू वोट बैंक पर है औऱ हिंदू वोटरो को अपनी तरह करने की कोशिश में लगे है.
वहीं बात अगर बीजेपी की करे तो बीजेपी शुरूआत से ही राम मंदिर के मुद्दे को प्राथमिकता देते आई है. और इसी के सहारे बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई. अब जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को किया जा रहा है. तो साफ है कि राम मंदिर का जिक्र बीजेपी अपने चुनावी कैंपेन में करेगी और लोकसभा की जंग में अपनी अलग दाव पेश करेगी.
फिलहाल चुनाव तो अभी दूर है, लेकिन जिस तरह से मंदिर पर सियासत औऱ हिंदुओं को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की जा रही है. उससे यह बिल्कुल साफ है कि चुनाव में रोजगार, बेरोजगारी और महंगाई कोई मुद्दा नहीं होगा. तमाम सियासी दल भगवान को आगे कर अपनी नईया पार करते हुए दिखेंगे.
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