बेतिया (BETIYA) : एक माँ को 7 साल बाद उसके गुमशुदा बच्चे वापस मिले. इस माँ ने शायद अपनी उम्मीद भी खो दी होगी की उसकी बेटी कभी वापस मिलेगी. मगर कुदरत का चमत्कार तो देखिए 2016 में गुम हुई बेटी अब उसे वापस मिल गई. ये मामला बेतिया का है. जहां इस खबर को सुनकर आपलोग चौक जायेंगे. बेतिया के नरकटियागंज प्रकाशनगर से 2016 में दो नबालिग बच्चे गायब हुए थे. दोनों बच्चे सात साल बाद लखनऊ के बाल सुधार गृह में मिले है.
2016 में अपहरण का मामला दर्ज
इस मामले में बच्चों की माँ सुनीता देवी ने 22 जुलाई 2016 को शिकारपुर थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया था .जिसमे नामजद अभियुक्त अपने दयादिन (गोतिया ) मुन्नी देवी को बनाया था घरेलू विवाद को कारण बता मुन्नी देवी पर आरोप लगाया था. उसका आरोप था कि मेरी 12 वर्षीय पुत्री कौशकी कुमारी और सात वर्षीय पुत्र राजीव का अपहरण कर लिया गया है. इस मामले में मुन्नी देवी की गिरफ्तारी हुई और वह लगभग 6 महीने तक जेल रही फिर बेल पर वह जेल से बाहर आई. इस केस के आइओ वीरेंद्र सिँह को भी लाइन हाजिर होना पड़ा था.
लखनऊ के बाल सुधार गृह में मिले बच्चे
शिकारपुर थाना का एक ऐसा केश जिसमे दो बच्चों का अपहरण का मामला दर्ज हुआ उसमे आरोपी महिला जेल गई. अब इतने साल बाद दोनों बच्चे लखनऊ के बाल सुधार गृह में मिले है. जिससे मामला काफ़ी संगीन हो गया है आखिर बच्चे वंहा कैसे पहुँचे. बताया जा रहा है की सात साल पहले बच्चे रेलवे स्टेशन पर कुछ बेचा करते थे इसी क्रम में भटक कर यह ट्रेन से लखनऊ पहुंच गए लेकिन बच्चों को यह याद नहीं है की वह लखनऊ कैसे पहुँचे.
माँ को भेजा गया तस्वीर
इस बात की जानकारी तब मिली जब दोनों बच्ची आधार कार्ड बनवाने पहुंची. जहां पता चला कि दोनों का आधार कार्ड पहले से है. जिससे उनके बारे में पता चला. बाल सुधार गृह के अधिकारीयों को इसकी जानकारी मिली तो वह काफ़ी खुश हुए बच्ची का स्थाई पता निकला गया. बाल सुधार गृह के अधिकारी नरकटियागंज के समाजसेवी वर्मा प्रसाद से सम्पर्क किये और बच्चों का फोटो भेजा वर्मा प्रसाद ने दोनों बच्चों का फोटो उसकी माँ सुनीता देवी के पास भेजा गया.
माँ के आखों से छलके खुशी के आंसू
माँ फोटो ले लखनऊ अपने बच्चों के पास पहुंची बच्चों शिनाख्त की फिर वंहा से नरकटियागंज वापस आई और शिकारपुर थाना में दोनों बच्चों को घर वापसी के लिए थाना में आवेदन दिया. शिकारपुर थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने केश के आइओ सुजीत दास के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर लखनऊ भेजा. जंहा से पुलिस टीम बच्ची लेकर शिकारपुर आई है. बच्ची को पुलिस ने उसकी माँ के हवाले कर दिया है. बच्चों को देखते ही माँ के आखों से खुशी के आंसू छलक पड़े.
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