पटना (PATNA) : राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के दौरान मनोज झा द्वारा दिए गए बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. संसद द्वारा ठाकुर की कविता को लेकर अब जुबानी जंग छिड़ गई है. जहां सभी लोग उन पर भड़के हुए हैं वहीं इसी बीच जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने खुलकर उनका बचाव किया है.
गलत तरीके से किया गया दुष्प्रचारित- ललन सिंह
ललन सिंह ने कहा कि जो राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के दौरान उन्होंने बयान दिया वह उनका बयान नहीं था बल्कि उन्होंने एक कविता पढ़ा था लेकिन उसको गलत तरीके से दुष्प्रचारित किया गया है. इसके लिए उन्होंने भाजपा पर आरोप मढ़ा. उन्होंने कहा कि भाजपा का काम ही रह गया है भ्रम फैलाना और वह मीडिया के माध्यम से देश में भ्रम फैलाने का काम कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने अपने पार्टी से इस्तीफा देने वाले प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी रणवीर नंदन पर भी प्रहार किया और कहा कि हमारे पार्टी में रणबीर नंदन जैसे कुछ नेता थे जो भाजपा के समर्थन में बयान देते थे और काम करते थे इसीलिए उनको पार्टी से निकाल दिया गया.
जानिए क्या है पूरा मामला
इस पूरे मामले के बारे में बता दे कि महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान राजस्थान सांसद मनोज झा ने संसद में ठाकुर का कुआं कविता के कुछ अंश का पाठ किया था . अब उनका यह पाठ पढ़ना एक बड़ा मुद्दा बन गया है. उन्होंने पाठ पढ़ते हुए कहा था कि यह कविता ओमप्रकाश वाल्मीकि ने लिखी और इसका संदर्भ किसी जाति विशेष से नहीं है.
नहीं थम रहा विवाद
सांसद मनोज झा ने अपने इस बात को आगे रखते हुए कहा कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है जो न्यायालय में बैठा है, विश्वविद्यालय में बैठा है संसद की दहलीज को रोज चेक करता है, उन्होंने कविता पाठ के बीच में भी कहा कि मैं फिर से कहता हूं वह ठाकुर मैं भी हूं, वह ठाकुर संसद में है, विश्वविद्यालय में है, इस ठाकुर को मारो जो अंदर है इसके बाद वह इस पाठ को पढ़ने लगे अब इसी बात को लेकर जाति सियासत चल रही है.
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