पटना(PATNA): बिहार में इस वक्त जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर सुर्खियों में हैं. आमरण अनशन से लेकर उनकी गिरफ़्तारी और अब उनकी जमानत काफी चर्चा में हैं. क्योंकि, जमानत मिलने के बाद एक तरफ जहां प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि उन्हें बिना किसी शर्त के जमानत दी गई है. उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया था लेकिन प्रशासन के पास जरूरी पेपर नहीं होने के कारण उन्हें बाद में बिना किसी शर्त के ही कोर्ट से जमानत दे दी गई. वहीं, दूसरी तरफ जिला प्रशासन प्रशांत किशोर के इन दावों की पोल खोल रही है.
प्रशांत किशोर के दावों का प्रशासन ने किया खुलासा
दरअसल, प्रशांत किशोर के इन दावों पर पटना जिला प्रशासन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. प्रशासन का कहना है कि, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को बिना शर्त के नहीं बल्कि 25 हजार के बॉन्ड पर जमानत मिली है. पटना जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी कर पीके की ओर से किए जा रहे दावों को गलत बताया है. प्रशासन की विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रशांत किशोर द्वारा दिए जा रहे बिना शर्त के जमानत और फिटनेस सर्टिफिकेट वाले बयान झूठे हैं. प्रशांत किशोर के ये झूठे दावे सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने की मंशा को दर्शाता है.
जिला प्रशासन द्वारा कहा गया है कि सबसे पहले तो कोर्ट में फिटनेस सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं होती है. केवल स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट की ज़रूरत होती है. जिसमें आरोपी स्वस्थ भी हो सकता है और अस्वस्थ भी. ऐसे में प्रशांत किशोर के फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर किए गए दावे बेबुनियाद है. वहीं, उन्हें बिना शर्त के नहीं बल्कि 25,000 रुपए के बॉन्ड पर जमानत मिली है. पहले प्रशांत किशोर 25,000 रुपए का बॉन्ड भरने को तैयार नहीं थे. जिसके बाद बेऊर थाने में कोर्ट से आदेश मिलने का इंतजार किया गया. ऐसे में शाम को कोर्ट का आदेश आते ही प्रशांत किशोर को 25 हजार रुपये के बॉन्ड के तहत ही जमानत दिया गया है.
अनाधिकृत रूप से गांधी मैदान में अनशन करने के लिए किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि, प्रशांत किशोर बीपीएससी छात्रों की मांग को लेकर प्रतिबंधित क्षेत्र गांधी मैदान में आमरण अनशन कर रहे थे. जिसके बाद पटना जिला प्रशासन द्वारा प्रशांत किशोर व उनके समर्थकों को प्रतिबंधित क्षेत्र गांधी मैदान से हटकर गर्दानीबाग में जाने के लिए नोटिस दिया गया. लेकिन प्रशांत किशोर वहां से नहीं हटे. जिसके बाद पटना पुलिस द्वारा 6 जनवरी को अनाधिकृत रूप से गांधी मैदान में अनशन पर बैठने के कारण प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही उनके 44 समर्थकों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई. जिसके बाद प्रशांत किशोर को उसी दिन 25,000 रुपए के बॉन्ड पर जमानत भी मिल गई. लेकिन जमानत को लेकर उन्होंने झूठे दावे किए. जिसका पटना जिला प्रशासन ने खुलासा कर दिया है.
ऐसे में पटना जिला प्रशासन के इस खुलासे के बाद ये सवाल उठता है कि क्या प्रशांत किशोर झूठ बोल रहे थे? क्या वो बीपीएससी छात्र आंदोलन के बहाने अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.
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