पटना(PATNA): बिहार की सियासत में एक ऐसा नाम है जिसके आस पास ही पूरी राजनीति घूमती रहती है. चुनाव कोई पार्टी लड़े. दूल्हा एक ही बनता है. अब बिहार में एनडीए की सरकार है. इस बीच लालू यादव ने एक बयान देकर बिहार की सियासत को गर्म कर दिया. लालू ने बयान दिया नीतीश के लिए दरवाजा हमेशा खुला है.अब सवाल है कि क्या इस दरवाजे पर नीतीश फिर जाएंगे? इस सवाल का जवाब भी नीतीश कुमार के पास है. लेकिन जब उनसे जानने की कोशिश की गई तो वे हाथ जोड़ कर बिना जवाब दिए ही निकल गए.
राजनीतिक माहौल तैयार करने की कोशिश
अगर देखे तो नीतीश कुमार दो दशक से बिहार की सत्ता में है. लेकिन इनकी एक ऐसी छवि बन गई जिससे एक चीज साफ हुई की राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं है. किसी भी पार्टी से नीतीश को बैर नहीं है. तभी तो कभी लालू के साथ तो कभी भाजपा खेमे में बैठ जाते है. पिछले एक साल से एनडीए के साथ हैं. ऐसे में अब नीतीश कुमार के नाम का मीडिया से लेकर नेता सभी मजा लेकर राजनीतिक माहौल तैयार करने में लगे है.
सुर्खियों में लालू का बयान
दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा “लालू का मिला ऑफर क्या पलट जाएंगे नीतीश” इसके बाद पूरी कहानी है. अब तक नीतीश कुमार कब कब लालू के साथ आए और कब पलटी मार लिया. अब तक बिहार की राजनीति में क्या कुछ हुआ है. साथ ही लालू से लेकर नीतीश के हाथ जोड़ने और तेजस्वी यादव के बयान को मिला कर एक पैकेज बना दिया गया. सिर्फ दैनिक भास्कर ही नहीं बल्कि सभी नैशनल से लेकर रिजनल चैनलों में नीतीश चर्चा में आ गए हैं.
तेजस्वी ने किया साफ अब कोई दरवाजा बचा नहीं
अगर देखे तो लालू यादव ने पहले ही साफ किया था की अब नीतीश के लिए दरवाजा बंद हो चुका है. इसके बाद तेजस्वी यादव ने भी एक बयान दिया जिसमें कहा कि अब ऐसा संभव नहीं है. बिहार में मजबूती के साथ राजद चुनाव लड़ेगी.अब किसी के आने का सवाल नहीं उठता है.
भाजपा और जदयू का तीखा हमला
इसपर केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी साफ किया है कि नीतीश कुमार एनडीए सरकार में है और रहेंगे. लालू यादव से ही पूछिए की बयान क्यों दे रहे है.इसपर भाजपा ने भी लालू पर हमला बोला और कहा कि लालू यादव क्या सीएम को माफ करेंगे. यह आप सोचिए कि नीतीश कुमार आप को माफ कर दे. राजद के राज्य में जंगल राज कायम हुआ था अब कभी तेजस्वी सरकार नहीं आने वाली है.
मीडिया और नेता को मिला मशाला
इन तमाम बयान और न्यूज चैनलों में चल रही खबरों से साफ है कि बिहार में कुछ होने वाला नहीं है. बस एक माहौल तैयार करने की कोशिश की गई है. जिससे सुस्त पड़ी राजनीति को गर्म कर दिया गया और मीडिया को एक मशाला मिल गया. अब मीडिया से लेकर नेता सभी नीतीश कुमार के नाम पर मज़ा लेने में लगे है. फिलहाल तो बिहार में कुछ ऐसा होता दिख नहीं रहा है. लेकिन यह राजनीति है और राजनीति में कुछ भी संभव है. फिलहाल इंतजार करना होगा आखिर बिहार में क्या होता है.
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