जमुई (JAMUI) : बिहार एक ऐसा राज्य है जहां एक कहावत काफी ज्यादा बोली जाती है, कि एक बार बिहारी कुछ ठान ले, तो उसे पूरा कर के ही मानता है. यह वहीं बिहार है जिसने देश औऱ दुनिया को जीरो दिया था. लेकिन आज के दौर की बात करे. तो बिहार के छात्र यह बिल्कुल भूल गए है की उनकी पहचान इतिहार के पन्नों पर क्या है. और किसी और राह पर निकल चुके है. यह बात हम इस लिए कह रहे है क्यों कि हाल के दिनों में बिहार में नकल रोकने के कड़े बंदोबस्त के बीच इंटरमीडिएट की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी है और अब कॉपियों की जांच करने का काम किया जा रहा है. लेकिन कॉपियों की चेकिंग के दौरान परीक्षकों को रोजाना अजीबो-गरीब संदेश मिल रहे है. कॉपी चेकिंग के दौरान कोई मां की बीमारी तो कोई पिता की मौत तो कोई शादी नहीं होने के मैसेज कॉपियों में लिख कर दे रहे है. इसके अलावा और भी कई तरीके के इमोशनल मैसेज लिख रहे है. अब छात्रों की यह उत्तर पुस्तिका सोशल मीडिया पर खुब सुर्खिया बिटोर रही है.
फिटिक्स की उत्तर पुस्तिका में छात्रों ने लिखी प्यार की बाते
दरअसल यह हैरान कर देने वाला मामला बिहार के जमुई में भी सामने आया है. जहां दो केंद्रों पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन किया जा रहा है. इसी कॉपी चेकिंग के दौरान पाया गया कि एक स्टूडेंट ने फिजिक्स की उत्तर पुस्तिका में लिखा है "हम जानते हैं प्यार जल्दी नहीं होता, लेकिन होता है तो बहुत जबरदस्त होता है"इस छात्र ने प्यार की परिभाषा देकर पास करने की गुहार लगाई. तो वहीं, दूसरे स्टूडेंट ने इमोशनल मैसेज में लिखा, '' हेलो मेम या सर प्लीज मेरी बातों को समझने की कोशिश कीजिएगा, क्योंकि मेरा यह बोलना बहुत जरूरी है.मुझे पता है कि आप सबको मेरी बातों पर यकीन नहीं होगा सर, मेरे पापा डेथ कर गए हैं.10 दिन हुआ है और मेरी कुछ पढ़ाई नहीं हुई और ऊपर से तबीयत भी ठीक नहीं है,फिर भी एग्जाम देने आई,प्लीज सर नंबर दे दीजिएगा. प्लीज सर मेरी कंडीशन बहुत खराब है. मुझे आशा है कि आप समझेंगे. तो किसी छात्र ने लिखा की "सर मैं बहुत परेशान हूं,सर मेरी तबीयत खराब होने के चलते मैं पढ़ नहीं पाई और मैं बहुत गरीब हूं. इसलिए मेरी मां अच्छे हॉस्पिटल में भर्ती नहीं कर पाया.जिससे मैं अच्छे से ठीक नहीं हो पाई.इसलिए आपसे नभ्र निवेदन है प्लीज सर मुझे आप 80 प्लस मार्श दे दीजिएगा. थैंक यू सर"
जब इस मामले में प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह बात की गई, तो उन्होंने बताते कि इस तरीके की कॉपियां हमको भी जांच करने के दौरान मिली है. उन्होंने बताया कि बच्चों को समझ नहीं आता है. छात्रों की मानसिकता यही है की हम कॉपी भर देंगे और जांच करने वाला शिक्षक हमे नंबर दे देंगे. लेकिन छात्र को यह समझना जरुरी है कि ऐसा नहीं होता. बच्चे अनुरोध करते हैं सर पास कर दीजिएगा इस बार शादी होना है.
वहीं जब इस मामले में दुसरे प्रोफेसर अनु कुमारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की कॉपियां हमको भी जांच के दौरान मिली है. कुछ कॉपियां ऐसी भी मिली है जिसमें बच्चे भावनात्मक रूप से कहीं ना कहीं शिक्षक से जुड़े होते हैं. जिसके कारण वह लिख देते हैं " प्लीज सर हेल्प मी, पास कर दीजिएगा या किसी प्रकार से हमारी मदद करने की कोशिश कीजिएगा" उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं मोटिवेशन की थोड़ी सी कमी होती है.
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