पटना (TNP Desk) : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान से लगता है कि बिहार में सियासी संकट टल गया है. लेकिन राजनीति में पल भर में कुछ भी हो सकता है. खासकर बिहार जैसे राज्य में पल-पल राजनीति करवट लेती है. अभी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार विधानसभा में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी. 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. फ्लोर टेस्ट होने में 48 घंटे से भी कम समय है, ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि सियासी संकट टल गया. लेकिन जिस तरीके से मांझी का बयान सामने आया है ऐसे में नीतीश सरकार जरूर थोड़ी राहत की सांस ली होगी. सवाल ये उठ रहा है ऐसा क्या हो गया कि अभी तक हम सुप्रीमो दो मंत्री पद मांग रहे थे और अब उन्होंने कह दिया कि मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती. क्या इससे भी बड़ा खेला बिहार में होना है? क्योंकि बिहार बीजेपी के सभी विधायक बोधगया में है. वहीं जदयू का लंच पॉलिटिक्स चल रही है. राजद भी प्लान के तहत रणनीति बनाना शुरू कर दिया है.
हम मोदी के साथ थे, हैं और रहेंगे : मांझी
बिहार जारी सियासी बयानबाजी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री व हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट कर कुछ हद तक डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती. बस गरीबों, मजलूमो, दबे-कुचलों के हक और हककूक की आवाज उठती रहे उनका काम हो यही काफी है. मैं गरीब जरूर हूं पर कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता. हम मोदी के साथ थे, हैं और रहेंगे.
बिहार में किस पार्टी के पास कितने विधायक
राज्य में राजद सबसे बड़ी पार्टी है. उसके पास 79 विधायक है. उसके बाद बीजेपी के पास 78, जदयू 45, कांग्रेस 19, सीपीआई एमएल 12, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा 4, सीपीआई 2, सीपीआई एम 2, एआईएमआईएम 1 और दो निर्दलीय विधायक है. नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा के पास कुल मिलाकर 123 विधायक हैं. यह सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत के आंकड़े 122 से केवल एक अधिक है. एनडीए में शामिल हम के चार विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है. इस तरह भाजपा-जदयू नीत गठबंधन के पास 128 विधायक हैं और एनडीए आसानी से बहुमत साबित करने की स्थिति में है.
नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ
बता दें कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राजद से अलग होकर भाजपा के साथ 28 जनवरी को 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. बिहार में नए विधानसभाध्यक्ष का चुनाव भी 12 फरवरी को होना है और इसी दिन राज्य आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा. राजद के अवध बिहारी चौधरी के स्थान पर नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. 12 फरवरी को जो बजट पेश होना था वो अब एक दिन बाद पेश किया जाएगा. बिहार विधानसभा में 11 कार्य दिवस है जो एक मार्च को समाप्त हो जाएगा.
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