हाजीपुर(HAJIPUR):बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास है. लेकिन फिर भी बिहार की व्यवस्था इतनी लचर है, कि लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सोमवार को बिहार के हाजीपुर जिले से डॉक्टरों की अजब-गजब लापरवाही का मामला सामने आया. जहां डाक्टरों की इस करतूत से लोग हैरान हैं. जिसमे डॉक्टर ने शव के बिना पोस्टमार्टम के ही परिजनों को सौप दिया.
फोन में व्यस्त डॉक्टर ने किया आधा पोस्टमार्टम
दरअसल समस्तीपुर के रहने वाले एक फाइनैंसकर्मी की नदी में डूबने से मौत हो गई थी. शव बरामद हुआ तो पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे डाक्टर मोबाइल में व्यस्त थे, और कन्फ्यूजन में अस्पतालकर्मियों ने शव को बिना पोस्टमार्टम के ही बांध परिजनों को सौप दिया. परिजन शव को लेकर समस्तीपुर के लिए निकल भी गए. रास्ते में परिजनों को पोस्टमार्टम किये जाने को लेकर आशंका हुई.
मामले के खुलासे के बाद दुबारा हुआ शव का पोस्टमार्टम
परिजनों ने जब चेक किया तो मामले का खुलासा हुआ, कि शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया है. खबर मीडियाकर्मियों को लगी तो पड़ताल शुरू हुई. इस लापरवाही से हड़बड़ाए डाक्टर ने परिजनों को फोन किया और शव को दुबारा अस्पताल लाने को कहा. लापरवाही छुपाने के लिए डॉक्टर ने परिजनों को बताया की पोस्टमार्टम अधूरा रह गया था. पूरा पोस्टमार्टम करने के लिए डेड बॉडी को दुबारा अस्पताल लाना होगा.
सिविल सर्जन ने लापरवाही का आरोप परिवारवालों पर लगाया
अस्पताल की इस अजब व्यवस्था के लिए परिजन आधे रास्ते से वापस अस्पताल पहुंचे थे. जिसके बाद मुकम्मल पोस्टमार्टम हुआ. बिना पोस्टमार्टम के शव को दे दिए जाने और आधे रास्ते से वापस बुला दुबारा पोस्टमार्टम कराने से परिजन भी खासे नाराज दिखे. तो वहीं सिविल सर्जन अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए परिवार वालो पर आरोप लगाते दिखे. और कहा कि गलती परिजनों की है, जो बिना पोस्टमार्टम शव को अस्पताल से ले गए.
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