बेगूसराय(BEGUSARAI): सरकार की ओर से आज बेटियों को शिक्षित करने और उन्हे बराबरी का दर्जा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही है, ताकि बेटियां पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो, और अपने सपने को पूरा कर सके. जिसके बाद लोग जागरुक हो रहे है. अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा रहे है. वहीं कई लोग बेटियों के साथ अपनी पत्नी और बहुओं को भी आगे बढ़ने का बराबर मौका देते है,जिसमें महिलाएं पढ़ लिखकर अपने पति के साथ अपने सुसराल वालों की ढ़ाल बनती है. जो एक सराहनीय बात है. लेकिन सभी पति और ससुरालवाले इतने लकी नहीं होते है, क्योंकि इनको अपनी अच्छी सोच के बदले धोखा और तिरस्कार ही मिलता है.ऐसे कई मामले अब तक सामने आ चुके है, जिसमे पढ़ने लिखने के बाद महिलाएं स्वार्थी हो जाती है, और पति और ससुरालवालों को ठुकरा कर चली जाती है.
बिहार में फिर दोहराया गया ज्योति मौर्या केस
बिहार में ज्योति मौर्या का केस तो सभी को याद ही होगा, कैसे एक पति ने अपनी पत्नी को कड़ी मेहनत से पैसे कमाकर एसडीएम के पद पर पहुंचा दिया, और एसडीएम बनते ही पत्नी के तेवर बदल गये. उसे अपना ही पति थर्ड क्लास का लगने लगा. जिसके बाद उसने उसे छोड़ने का फैसला लिया. जिसको लेकर पूरे देश में विवाद हुआ था.अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके है, जिसमें कामयाब होने के बाद महिलाओं ने ससुराल पक्ष को ठुकरा दिया है. बिहार के बेगूसराय से एक बार फिर कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एएनएम बनने के बाद बहू ने बेशर्मी की सभी हदे पार कर दी.
ससुराल वालों ने बहू को पढ़ाने के लिए बेच दी अपनी जमीन
आपको बताये कि बेगूसराय में बहू को एएनएम बनाने के लिए ससुराल वालों ने अपनी जमीन तक बेच दी, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद बहू के तेवर ऐसे बदल गए कि उसने न केवल अपना सर्वस्व समर्पण करनेवाले पति और ससुराल वाले के साथ रहने से इनकार कर दिया, बल्कि सास की कनपटी पर पिस्तौल सटाकर घर का कीमती सामान भी लेकर चली गई. घटना छौड़ाही थाना क्षेत्र के अमारी गांव की है. इस संबंध में स्थानीय निवासी बालेश्वर महतो की पत्नी सुलेखा कुमारी ने अपनी बहू मनीषा कुमारी, बहू के भाई रोशन कुमार और बहू के पिता राजेन्द्र महतो पर केस दर्ज कराया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
पढ़े पूरा मामला
घटना के संबंध है बताया जा रहा है कि बालेश्वर महतो के एकलौते पुत्र प्रिंस आनंद की शादी 24 अप्रैल 2019 को समस्तीपुर जिला के विभूतिपुर थाना क्षेत्र स्थित पतेलिया बदिया निवासी राजेंद्र कुमार महतो की पुत्री मनीषा से हुई थी. इंटर पास मनीषा जब ससुराल तो अपने पति और सास के सामने जीएनएम कोर्स करने की इच्छा जताई. पति बालेश्वर महतो के बीमारी के कारण लाचार रहने के बाद भी सास सुलेखा कुमारी ने अपने पुत्र के सामने हामी भर दी. कुछ कर्ज उठाया और बहू का एडमिशन पंजाब के अजीत नर्सिंग इंस्टिट्यूट में भी 2019 में ही करवा दिया. इस दौरान मनीषा कभी घर पर तो कभी मायके में रहती थी, सिर्फ परीक्षा देने पंजाब जाती थी. इसी बीच 14 नवंबर 2021 को उसे एक पुत्री भी हुई रच्छिता आनंद. इस दौरान मनीषा ने समस्तीपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्सिंग की जानकारी लेने के लिए काम करना शुरू कर दिया.सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. इस बीच पति प्रिंस को पता चला कि उसकी पत्नी की नजदीकी अस्पताल में काम करने के दौरान किसी लड़की से बढ़ने लगी है तो उसने पत्नी को समस्तीपुर में रहना छुड़वा दिया और खगड़िया के अस्पताल में रखवा दिया,लेकिन कुछ दिन में ही वह वहां से भाग गई. दिसंबर 2023 में जीएनएम की पढ़ाई पूरी होते ही मनीषा ने अपने पति के साथ रहने से इंकार कर दिया.
पढ़ाई पूरी होते ही बहू ने बदले तेवर
मनीषा कहने लगी कि अब उसे अपने पति के साथ नहीं रहना है. घर पर साइबर कैफे और कंप्यूटर का कोचिंग चलाकर पत्नी और घर वालों का भरण पोषण कर रहे प्रिंस ने इसकी जानकारी मां को दी तो दोनों परिवार के बीच पंचायती भी हुआ, लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला और मनीषा अपने बच्चों के साथ अपने पति के पास रहना छोड़ दिया. सास सुलेखा का आरोप है कि बीते 15 जून को मनीषा अपने पिता राजेंद्र महतो एवं भाई रोशन कुमार सहित 5-7 हथियार से लैस लोगों के साथ आई और अपना सामान लेने के साथी मेरा भी करीब 2 लाख 25 हजार रुपए का जेवर एवं मिट्टी कटवाकर पति के इलाज के लिए रखा 50 हजार रुपये लेकर चली गई. सुसराल वालों ने जब विरोध किया तो रोशन ने कनपटी पर पिस्तौल सटाकर मारपीट किया और जान से मारने की धमकी दी. घटना की लिखित सूचना छौड़ाही थाना को दिया. लेकिन इसी बीच बीमारी में उलझ जाने के कारण फिर थाना पर नहीं गई. जिससे एफआईआर नहीं हो सका.
वहीं लड़के के साथ लड़की और उसके भाई ने मारपीट की
इधर एक जुलाई को साला एवं पत्नी ने फोन करके प्रिंस आनंद को पतेलिया बदिया बुलाया और बुरी तरह से मारपीट कर पुलिस के हवाले कर दिया. जिसकी जानकारी मिलते ही किसी तरह से प्रिंस को छुड़वाया गया. लड़के की मां कहती है कि अब इसमें प्रशासन और समाज का जो फैसला होगा वह हमें मंजूर है. अपने बहू के लायक नहीं थी और बहू का परिवार मेरे लायक नहीं था तो उसे अब कैसे रखें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है.हमने उसे अपना बनाया, जमीन बेचकर और कर्ज लेकर पढ़ाया, लेकिन क्या पता था की पढ़ाई पूरी होते ही वह ऐसी निकल जाएगी.
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