पटना(PATNA):बिहार में इन दिनों दो चीजों पर ही राजनीति गरमाई हुई है. एक तरफ जहां आरजेडी बजरंग दल को बैन करने पर तूली है. तो वहीं जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट से स्टे लगने पर विपक्षी पार्टी बीजेपी सीएम नीतीश कुमार को घेरने में लगी हुई है. वहीं इस मामले पर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार पर जमकर खरी खोटी सुनाई.
आस्था और विश्वास का मजाक उड़ाना और बयानबाजी करना बिहार सरकार का काम
आपको बताएं कि LJP(R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए बिहार सरकार के मंत्री सुरेंद्र यादव के बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दिये बयान पर पलटवार किया. और प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार सरकार को बिहार की ज्वलंत समस्याएं दिखती है, या नहीं दिखती हैं, या फिर ये लोग देखना ही नहीं चाहते है. बार-बार लोगों की आस्था और विश्वास का मजाक उड़ाना और उस पर बयानबाजी करना ही इनका काम है. आस्था किसी के लिए भी व्यक्तिगत विषय है. कौन किस चीज में आस्था रखता है. कोई तीसरा व्यक्ति उसको निर्धारित करने वाला कोई नहीं होता है.
लोगों की मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराना बिहार सरकार का काम
कोरोड़ों लोग बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर विश्वास करते हैं. सरकार का ये काम नहीं है कि किसी की आस्था या किसी के विश्वास पर कोई टीका टिप्पणी करें. सरकार का काम है कि लोगों को उनकी मूलभूत जरूरतें पूरा कराएं. सरकार जब धर्म में हस्तक्षेप करने लगती है, तो ये दर्शाता है कि सरकार ज्वलंत विषय से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयानबाजी कर रही है. जो सरासर गलत है.
नीतीश किसी से राय मशवरा सुझाव लेना जरूरी नहीं समझते है- चिराग पासवान
वहीं बिहार सरकार की ओर से जातीय जनगणना को लेकर कोर्ट में अपील दायर करने को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि इनको अब याद आ रहा है, कि जल्दी सुनवाई हो. हम लोगों ने शुरू से जातीय जनगणना का समर्थन करते हैं. और ऐसे दल जो इसका समर्थन करते हैं. क्यों नहीं सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. क्यों नहीं तमाम दलों के सुझाव इसमें लिए गए. जब जनगणना शुरू हुई थी. तब भी हमने आशंका जाहिर की थी. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिंगल मैन आर्मी की तरह काम करते हैं. किसी से राय मशवरा सुझाव लेना वह जरूरी ही नहीं समझते है. इसका स्वरूप ही इतना कमजोर तैयार किया गया है, कि सरकार अपने पक्ष को न्यायालय के सामने रखी नहीं पाई.
जो व्यक्ति बिहार को एकजुट नहीं कर पाया. वो विपक्ष को एकजुट करने चले हैं
वहीं विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के सवाल पर कहा जो व्यक्ति बिहार को एकजुट नहीं कर पाया. वो विपक्ष को एकजुट करने चले हैं. बिहार में बंटवारे की राजनीति कौन करता है. किसने दलित को महादलित किया, किसने पिछड़ा को अति पिछड़ा किया, कौन अगला-पिछड़ा की राजनीति कर रहा है. और हिंदू मुस्लिम की
जो बिहार और बिहारियों को एक नहीं कर पाएं, वो विपक्ष को एकजुट कैसे करेंगे
राजनीति कर रहा है. कौन महिला पुरुष की राजनीति कर रहा है. जो बिहार और बिहारियों को एक नहीं कर पाएं. वो विपक्ष को एकजुट करने की बात कह रहे हैं. ये हास्यास्पद है. विपक्ष को एकजुट करने के लिए इनके पास कौन सा मॉडल है. कभी गलती से कोई विपक्ष इनके साथ आ भी गया. तो देश की जनता क्यों जाएगी इनके साथ. जनता के सामने जाकर क्या बताएंगें देश को कि बिहार में 1 दिन में इतनी हत्याएं हो रही हैं. तो हम देश में इतनी हत्या करवाएंगे. बिहार में इतना भ्रष्टाचार हो रहा है. तो देश में हम लोग इतने लाखों करोड़ का भ्रष्टाचार करवाएंगे. बिहार में जहरीली शराब से इतनी मौतें हो रही हैं. तो देश भर में शराब बंदी लागू करके इतनी मौत करवाएंगे.
4+