पटना(PATNA):चार दिनों तक चलनेवाले लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत 17 नवंबर यानी आज से नहाय खाय के साथ हो गयी है. इस दिन छठ व्रती पूरे घर की सुबह-सुबह स्नान ध्यानकर पूरे घर में बिना लहसुन प्याज के कद्दू चावल और चना दाल का सात्विक भोजन से दिन की शुरुआत करती हैं. यहां तक की खाने में जो नमक डाला जाता है वह भी सेंधे नमक का उपयोग किया जाता है.
नहाय-खाय के दिन बनाये गये खाने का सबसे पहले व्रत रखनेवाले छठ व्रती भोग लगाते हैं
इस दिन लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चटनी, पापड़, तिलौरी, आदि बनाया जाता हैं, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है.नहाय-खाय के दिन बनाये गये खाने का सबसे पहले व्रत रखनेवाले छठ व्रती भोग लगाते हैं. इसके बाद ही परिवार के अन्य लोग भोजन ग्रहण करते हैं. इस प्रसाद के सेवन का भी खास महत्व है.
खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रति 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती है
छठ व्रतियों की माने, तो छठ महापर्व सभी लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. क्योंकि इस महापर्व पर लोगों का अटूट विश्वास है. इस दिन खास तौर पर लोग चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनाते हैं, क्योंकि यह सबसे ज्यादा शुद्ध माना जाता है. वहीं कल खरना किया जायेगा. इसी खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रति 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती है, जो की सबसे कठिन तपस्या होती है.
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